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कालेज की जमीन पर कब्जा करने पहुंची तहसील टीम:SDM के आदेश के उलट कार्रवाई से कालेज में रोष, इंसाफ न मिला तो धरना देंगे छात्र

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ग्रामीण इलाकों में सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से जमीनों पर कब्जे का खेल चल रहा है। SDM के आदेश को भी दबंग कर्मचारी ठेंगा दिखा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राजातालाब तहसील से जुड़ा सामने आया है जहां एसडीएम के आदेश के विपरीत कानूनगो और लेखपाल कालेज की जमीन पर कब्जा करने पहुंच गए। कालेज प्रबंधन ने अपने दस्तावेज के साथ एसडीएम का आदेश दिखाया लेकिन दबंग कर्मचारी नहीं माने और सरकारी काम में बाधा की रिपोर्ट कराने की धमकी देकर भगा दिया। कालेज के प्रबंधक ने सीएम योगी के पोर्टल के साथ ही डीएम और एसडीएम को प्रार्थना पत्र देकर कालेज की जमीन मुक्त कराने की मांग की है। SDM के तीन शब्द की आड़ में कर गए तहसीलकर्मी खेल राजातालाब तहसील क्षेत्र में रामेश्वर इलाके में युगल बिहारी इंटर कालेज है। डीएम से मिलने जिला मुख्यालय पहुंचे कालेज के प्रबंधक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि उनके इलाके में हो रहे विस्तार कार्य के चलते भू माफिया बहुत सक्रिय हैं। तहसील से जुड़े कर्मचारियों की मदद से कुछ लोगों ने युगल बिहारी इंटर कालेज की जमीन पर गलत चौहद्दी दिखाकर बैनामा करा लिया। उक्त जमीन पर बाउंड्री निर्माण के लिए क्षेत्रीय लेखपाल शायदा बानो, जितेंद्र जायसवाल और कानूनगो रामेश्वर गुलाब विश्वकर्मा से मिलकर पैमाइश करवाने लगे। विरोध पर फर्जी मुकदमा कराकर जेल भेजने की धमकी देने लगे। कालेज प्रबंधन को जब जमीन के फर्जी बैनामा का पता चला था तभी एसडीएम राजातालाब के यहां वाद दाखिल कर आपत्ति जताई थी। एसडीएम की अदालत में 07 अक्टूबर को ही इस मामले में धारा 24 को खारिज कर दिया था। अपने आदेश में एसडीएम ने लिखा कि मेड़बन्दी की कोई आवश्यकता ही नहीं है। कुछ दिन बाद भू माफिया एसडीएम के यहां प्रार्थना पत्र लेकर पहुंचते हैं। एसडीएम ने पत्र पर लिखा ‘नियमानुसार कार्रवाई करें’। प्रार्थना पत्र पर एसडीएम के इन तीन शब्द की व्याख्या कानूनगो और लेखपाल ने अपने हिसाब से कर ली और टीम लेकर कब्जा कराने पहुंच गए जबकि एसडीएम ने कब्जा कराने का आदेश नहीं दिया था। कालेज के प्रबंधक ने इसकी जानकारी फोन के माध्यम से एसडीएम को दी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। न्याय नहीं मिला तो सड़क पर आएंगे छात्रयुगल बिहारी इंटर कालेज के प्रबंधक धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि जिस कालेज को सरकार की मदद से चलाया जा रहा है, वहां भी सरकारी कर्मचारी कब्जा करने में लगे हैं। कालेज में एक हजार से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। कालेज की जमीन दबंगों से मुक्त नहीं कराई गई तो मजबूरी में छात्रों के साथ धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।

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