उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर तैनात सूर्य प्रकाश मिश्रा साइबर ठगी का शिकार हो गए। जालसाजों ने उनको क्रिप्टो करेंसी में इनवेस्टमेंट का झांसा देकर उनसे 18 लाख रुपये की ठगी कर ली। इसकी जानकारी होने पर उन्होंने साइबर पुलिस को सूचना देकर मुकदमा दर्ज कराया है। फेसबुक के माध्यम से हुआ था जालसाजों से परिचय तेलियरगंज के रहने वाले सूर्य प्रकाश मिश्रा ने पुलिस को बताया कि जालसाजों से उनकी पहचान फेसबुक के माध्यम से हुई थी। इनसे जुड़ने वाले सुलागना ने खुद को चेन्नई का निवासी बताया था। इसके बाद उनकी बात वाट्सअप पर हुई। इस दौरान उसने मेंटोर सर नाम के व्यक्ति से परिचय कराया। इसके बाद दोनों ने क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड कराने और ज्यादा धन कमाने का लालच देकर अपने जाल में फंसा लिया। छह दिसंबर को उनकी मेल आईडी पर एक लिंक भेजकर 200 डालर निवेश कराया। इसके बाद 30 प्रतिशत कमीशन एडवांस देकर कांट्रैक्ट साइन करवाया। इस तरह उन्हें लगातार निवेश करवाया जाता रहा। इसी बीच कुछ रकम खाते में भी डलवाया गया। सात लाख के निवेश पर दिया रकम दोगुना होने का भरोसा पीड़ित एसपी मिश्रा ने बताया कि मेंटोर ने सात लाख का निवेश करने पर दो गुना लाभ का लालच दिया। लाखों रुपय निवेश होने के बाद उन्होंने पत्नी व रिश्तेदारों, मित्रों से पैसे लेकर दिया। इसके बाद 21 लाख रुपये जमा करने पर ही मूलधन मिलने का आश्वासन दिया गया। तब उन्हें साइबर ठगी का पता चला और मुकदमा दर्ज कराया। साइबर अपराधियों ने अलग-अलग बैंक खातों में पैसा जमा कराया था। इस दौरान ठगों ने दि इंडेक्टस प्वाइंट के नाम से ग्रुप भी बनाया था। जिसमें एसपी मिश्रा के अलावा राजवीर मेहा, हर्ष वर्धनी, सुलाघाना और मिस्टर सिंह नाम के व्यक्ति भी जुड़े थे।