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मल्लिका शेरावत और पूजा बनर्जी से ED ने पूछताछ की:मैजिक विन गैम्बलिंग ऐप के प्रमोशन से जुड़ी थीं, इसका मालिक पाकिस्तानी

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मैजिक विन गैम्बलिंग ऐप से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फिल्म एक्ट्रेस मल्लिका शेरावत और टीवी एक्ट्रेस पूजा बनर्जी से पूछताछ की। पूछताछ कब हुई, इसका पता नहीं चला है, लेकिन गुरुवार को इसकी जानकारी सामने आई है। दोनों एक्ट्रेस मैजिक विन गैंबलिंग ऐप के प्रमोशन से जुड़ी थीं। इसका मालिक पाकिस्तानी नागरिक है, जबकि दुबई से कुछ भारतीय नागरिक इसका ऑपरेशन कर रहे थे। ED की जांच में सामने आया है कि मैजिक विन ऐप ने गैरकानूनी तरीके से मेंस T20 वर्ल्ड कप का ब्रॉडकास्ट किया गया था। साथ ही ऑनलाइन बेटिंग लगाई गई थी। जानकारी के मुताबिक, मल्लिका शेरावत ने ईमेल के जरिए ED को अपना जवाब भेजा था, जबकि पूजा बनर्जी ED के अहमदाबाद कार्यालय में पूछताछ के लिए पहुंची थीं। सूत्रों के अनुसार, ED ने दो बड़े सेलिब्रिटीज को भी समन भेजे हैं। इसके अलावा, अगले हफ्ते 7 बड़े सेलिब्रिटी, टीवी कलाकार और कॉमेडियन को भी समन भेज सकती है। इस केस में पिछले 6 महीनों में ED ने देशभर में लगभग 67 जगह छापेमारी की है। ED ने मंगलवार को कहा था कि ऐप की लॉन्च पार्टी में बॉलीवुड की कई हस्तियां शामिल हुई थीं। इन लोगों ने मैजिक विन के प्रचार के लिए वीडियो और फोटो शूट कराए और अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर भी किया था। महादेव बेटिंग ऐप: आलीशान शादी में शामिल होकर फंसे थे रणबीर कपूर, कपिल शर्मा
पिछले साल फरवरी की बात है। UAE के चमचमाते शहर रास अल खैमाह में एक आलीशान शादी हुई। इसके मेहमानों के लिए चार्टर्ड प्लेन लगे थे। पार्टी में शामिल होने और परफॉर्म करने के लिए सनी लियोनी, नेहा कक्कड़, आतिफ असलम, टाइगर श्राफ जैसे दर्जनों सेलिब्रिटी बुलाए गए। शादी के लिए योगेश बापट की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी आर-1 इवेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को हायर किया गया। इस लैविश शादी में करीब 200 करोड़ रुपए खर्च हुए और पूरा पेमेंट हवाला या कैश में किया गया। ये शादी थी छ्त्तीसगढ़ के भिलाई में रहने वाले 28 साल के सौरभ चंद्राकर की। इस शादी के बाद सौरभ और उनका महादेव बेटिंग ऐप जांच एजेंसियों के रडार पर आ गया। इसी मामले में रणबीर कपूर और कपिल शर्मा जैसे सेलिब्रिटीज को ED ने समन भेजा है। महादेव बेटिंग की मनी लॉन्ड्रिंग के इस लपेटे में दर्जनों बॉलीवुड सेलिब्रिटी आ गए थे। सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्म के नुकसान
सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च 2020 के एक लैंडमार्क फैसले में ऑनलाइन सट्टेबाजी को दो भागों में बांटा है… पहला – गेम ऑफ स्किल यानी अपनी जानकारी और नॉलेज के हिसाब पैसे दांव पर लगाना। इसे अपराध नहीं कहा जाएगा। दूसरा: गेम ऑफ चांस, यानी सिर्फ लक आजमाकर जुआ खेलना। सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले और कानून के अनुसार सिर्फ गेम ऑफ स्किल्स यानी कौशल वाले खेलों को ही कानूनी मान्यता है। सट्टेबाजी और जुआ भारत में अवैध है, जिसके खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्यों की पुलिस के पास अधिकार है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इंटरमीडियरी नियमों में बदलाव करके सट्टेबाजी वाले ऐप्स को भी गेमिंग की आड़ में अजीबोगरीब मान्यता दे दी है। यही वजह है कि ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में सट्टेबाजी से जुड़े ऐप्स भारत में खरबों का कारोबार कर रहे हैं। ड्रीम 11, फैंटसी 11, माय सर्कल और रमी जैसे ऑनलाइन सट्टेबाजी वाले ऐप गेम ऑफ स्किल के इसी नियम के तहत जमकर धंधा कर रहे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि फैंटेसी स्पोर्ट्स 2019 में 920 करोड़ रुपए का था, वहीं 2020 में 24,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। देश में महादेव बुक ऐप जैसे कई अन्य ऐप्स अवैध कारोबार करने के साथ युवाओं के साथ धोखधड़ी कर रहे हैं। विराग के मुताबिक IPL में स्पॉट फिक्सिंग के स्कैम के बाद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस लोढ़ा कमेटी ने 2015 की रिपोर्ट में खेलों में सट्टेबाजी को वैध बनाने की सिफारिश की थी। 21वें विधि आयोग ने 2018 की रिपोर्ट में जुआ और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने की सिफारिश की थी। इसके तहत फैंटेसी स्पोर्ट्स भी आते थे। हालांकि, इस बारे में सरकार ने स्पष्ट कानून बनाने की बजाय कौशल के खेलों की आड़ में सट्टेबाजी और जुए के अवैध गेमिंग ऐप्स के कारोबार को अप्रत्यक्ष मान्यता दे रखी है। ऐसे ऐप्स बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार करते हुए टैक्स चोरी भी कर रहे हैं। GST विभाग ने इन कंपनियों से 55 हजार करोड़ रुपए की टैक्स चोरी मामले में वसूली का नोटिस जारी किया है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक इन कंपनियों ने 1.5 लाख करोड़ GST की चोरी की है।

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