पाकिस्तान की तरफ कुछ दिन पहले से यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली (UNGA) की थर्ड कमेटी में वार्षिक रिजॉल्यूशन पेश किया गया था। इस रिजॉल्यूशन को बिना वोटिंग के ही स्वीकार कर लिया गया था। इसके कुछ विदेशी मीडिया खास कर पाकिस्तान मीडिया ने इसे कश्मीर से जोड़कर पेश किया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर एक स्पष्टीकरण जारी किया है। ANI के मुताबिक विदेश मंत्रालय का कहना है कि रिजॉल्यूशन से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसमें जम्मू कश्मीर का भी कोई जिक्र नहीं है। विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने ANI से कहा- हमने UNGA के रिजॉल्यूशन के बारे में भ्रामक विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स देखी है। यह पाकिस्तान की तरफ से थर्ड कमेटी को पेश किया जाने वाला एक वार्षिक प्रस्ताव है। इसे बिना मतदान के स्वीकार कर लिया गया। इस प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर का कोई जिक्र नहीं है। UNGA की थर्ड कमेटी को जानिए बता दें कि UNGA की थर्ड कमेटी हर साल बच्चों की सुरक्षा, शरणार्थियों की समस्याएं और नस्लवाद जैसे सामाजिक, मानवीय और मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करती है। UNGA की बैठक सितंबर से दिसंबर तक चलती है, इस दौरान सभी देश अपने सोशल मुद्दे इस मंच पर रखते हैं। यूनाइटेड नेशंस क्या है? साल 1945 में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन की एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। ये कॉन्फ्रेंस 25 अप्रैल से 26 जून तक चली और 50 देशों के प्रतिनिधियों ने इसमें हिस्सा लिया। इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य देशों के बीच शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना था। इस कॉन्फ्रेंस के आखिरी दिन एक चार्टर पर दस्तखत किए गए और 24 अक्टूबर 1945 से ये चार्टर लागू हो गया। यही संगठन आगे चलकर यूनाइटेड नेशंस (UN) नाम से जाना गया। UN का हेडक्वार्टर न्यूयॉर्क में है। इसकी जनरल असेंबली में 193 सदस्य देश हैं। अलग-अलग देशों के स्वतंत्र होने और सोवियत संघ के टूटने के बाद से सदस्य बढ़ते रहे हैं। फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन, यूनेस्को, यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाएं यूएन से जुड़ी हैं। ——————————————– यह खबर भी पढ़ें पाकिस्तान ने 4300 भिखारियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाला:भिखारी मक्का-मदीना के लिए तीर्थयात्रा वीजा लेते थे, फिर सऊदी में भीख मांगते थे सऊदी अरब समेत कई देशों की चेतावनी के बाद पाकिस्तान ने 4,300 भिखारियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया है। दरअसल, सितंबर में कई देशों ने पाकिस्तान को धमकी दी थी कि अगर उसने भिखारियों को भेजना बंद नहीं किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सऊदी हज मंत्रालय ने भी पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय से यही बात कही थी। यहां पढ़ें पूरी खबर…