रोडवेज के कर्मचारयों ने गुरुवार को निजीकरण सहित 23 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध किया। आरएम कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया गया। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के क्षेत्रीय मंत्री विनोद तिवारी के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने कहा कि उनकी लड़ाई मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी।
प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर रोडवेज कर्मी आरएम कार्यालय परिसर में सुबह से एकत्रित हो गए थे। परिसर में ही उन्होंने धरना दिया और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। कर्मचारियों ने कहा कि लंबे समय से उनकी मांगें लंबित हैं। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर पूरे प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह का प्रदर्शन चल रहा है। उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे मजबूर होकर इस तरह का कदम उठाना पड़ा है। डग्गामार बसों से परिवहन निगम को हो रहा नुकसान
कर्मचारियों ने अपनी मांगों में रोडवेज बस अड्डों से चलने वाले डग्गामार बसों का मामला भी उठाया है। उन्होंने कहा कि मनमाने ढंग से बस स्टेशनों के पास से ही ये बसें संचालित होती हैं, जिससे काफी समस्या होती है। रोडवेज को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे बस मालिकों द्वारा संगठित रूप से अवैध बस संचलन किया जा रहा है। उन्होंने निजीकरण का विरोध भी किया।
देवरिया सहित 19 कारखाने निजी हाथों में देने की तैयारी
क्षेत्रीय मंत्री विनोद तिवारी ने बताया कि सरकार रोडवेज के काम निजी हाथों में देने की तैयारी है। देवरिया सहित 19 कारखानों को भी निजी हाथों में देने की तैयारी है। संगठन इसका विरोध करता है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे में एक बार फिर विचार करना चाहिए। ऐसा न करने पर आगे भी आंदोलन किया जाएगा। सभी मांगें की जाएं पूरी
संगठन के क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश कुमार राय ने धरने की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि सरकार हमारी 23 सूत्रीय मांगों को समय से पूरा करे। उनकी बातों का धरना स्थल पर मौजूद अन्य पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों ने समर्थन किया। इस अवसर पर शाखा अध्यक्ष मनीष कुमार श्रीवास्तव, शाखा मंत्री मनोज कुमार, हरिओम त्रिपाठी, विश्वंभर नाथ मिश्रा व संतोष वर्मा आदि उपस्थित रहे।