प्रयागराज में एक महिला से संस्कृत विद्यालय में नौकरी दिलाने के नाम पर सात लाख रुपये की ठगी की गई। मंजू त्रिपाठी नाम की महिला पीड़ता को पहले भरोसे में लिया। उसके बाद पैसों की वसूली की। ठगी का शिकार होने वाली पीड़िता को जब इसकी जानकारी हुई तो उसने सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। एचपीपीआई नाम की संस्था के साथ मिलकर काम कर रही थी पीड़िता
पुलिस को दी गई तहरीर में पीड़िता ने बताया कि वह मूलरूप से मऊ जिला के सहरोज थाना क्षेत्र की रहने वाली है। वह प्रयागराज के सिविल लाइंस के एकाकी कुंज अपार्टमेंट में रहकर एचपीपीआई नाम की संस्था के साथ काम करती थी। इस दौरान उसका संबंध आजमगढ़ की रहने वाली एक महिला मंजू त्रिपाठी से हुआ। उसने आजमगढ़ के एक संस्कृत विद्यालय श्री सांगवेद संस्कृत महाविद्यालय में नौकरी दिलाने के नाम पर सात लाख रुपये मांगे। पहले मंजू ने नकद रुपये की मांग की, लेकिन बाद में ऑनलाइन रुपये लेने के लिए तैयार हो गई। उसने बताया कि वह खुद सरकारी नौकरी में है। कहा कि रुपये उसके पति राजेश त्रिपाठी के खाते में भेज दें। पीड़िता ने नियुक्ति के लिए सभी जरूरी दस्तावेज व बैंक खाते का डिटेल भी उपलब्ध करा दिया। छह जुलाई 2021 को पीड़िता ने 25 हजार, 20 हजार, 70 हजार ट्रांसफर किया। उसके बाद 20 हजार,10 हजार, 18 अगस्त को 4,50, 000 रुपये आरटीजीएस से दिए। उसके बाद डेढ़ लाख रुपये मंजू त्रिपाठी के आश्वासन पर दो ब्लैंक चेक पर दिए। उसके बाद भी नियुक्ति नहीं होने पर जब पैसे वापस मांगे तो वह टालने लगे, इसके बाद धमकी देने लगे। कहा कि अगर पैसे मांगा तो तुमको जान से हाथ धोना पड़ सकता है। इससे परेशान होकर पीड़िता ने सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।