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मड़ना में एक साल से बंद पड़ी पानी की टंकी:ग्रामीणों को नहीं मिल रहा जल, 4 साल से टंकी ऑपरेटर को नहीं मिला वेतन

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बाराबंकी में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल योजना के तहत लाखों रुपए की लागत से पंप हाउस और क्लोरीन रूम सहित पानी की टंकी बनाई गई थी। लेकिन 1 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद इस टंकी से पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई है। जिसके कारण गांव के हजारों लोग स्वच्छ पानी से वंचित हैं और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विकास खंड रामनगर के ग्राम पंचायत मड़ना में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल योजना के तहत पानी की टंकी बनाई गई थी। यह योजना राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन जल निगम उत्तर प्रदेश, नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग उत्तर प्रदेश प्योर लाइफ सोसायटी अमरावती द्वारा शुरू की गई थी, लेकिन इस टंकी से पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई है। ग्रामीणों संजय, इंदर सिंह, सरिता सिंह और अन्य का कहना है कि जल निगम द्वारा बनाई गई टंकी से अब तक पानी नहीं मिला है, जबकि यह योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ऐसी योजनाएं ग्रामीणों तक पानी पहुंचाने के लिए लागू की गई थीं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण ये योजनाएं फिजूल साबित हो रही हैं। ग्राम पंचायत मड़ना में टंकी ऑपरेटर सरिता सिंह ने बताया कि उनके पति की 2020 में कैंसर के कारण मौत हो गई थी, इसके बाद उन्हें टंकी का चार्ज दिया गया। सरिता सिंह ने बताया कि पंप हाउस में पानी खींचने वाली पावर मशीन खराब पड़ी हुई है, और जल निगम का कोई अधिकारी इसे ठीक करने के लिए अब तक नहीं आया है। उन्हें 4 साल से वेतन भी नहीं मिला है, फिर भी वह प्रतिदिन अपनी ड्यूटी निभा रही हैं। सरिता सिंह ने कहा, “मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं, तीन बेटियां और एक बेटा हैं, लेकिन वेतन न मिलने के कारण किसी तरह अपना जीवन यापन कर रही हूं।” बीडीओ ने क्या कहा इस संबंध में बीडीओ रामनगर, जितेंद्र कुमार ने कहा कि यदि पानी की टंकी जल निगम को हैंड ओवर की गई है, तो टंकी का संचालन जल निगम ही करेगा। यदि ग्राम प्रधान को हैंड ओवर किया गया है, तो उसकी जिम्मेदारी बनती है कि टंकी में मोटर या अन्य कोई भी खराब हिस्सा हो, तो उसे सही कराए। ग्रामीणों से लिया जाएगा भुगतान जितेंद्र कुमार ने आगे कहा कि प्रति कनेक्शन के हिसाब से ग्रामीणों से ₹50 प्रति माह शुल्क लिया जाएगा। यह राशि ऑपरेटर की सैलरी के लिए उपयोग की जाएगी और उसी से टंकी की संचालन संबंधी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। बीडीओ ने बताया कि बहुत सी योजनाएं मुफ्त में चल रही हैं, लेकिन अब पानी के कनेक्शन के लिए ग्रामीणों से भुगतान लिया जाएगा।

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