गोरखपुर में तारामंडल के टाइटेनियम अस्पताल को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। फर्जी दस्तावेजों के जरिए अस्पताल को अपना बताने का दावा करने और 50 लाख रुपये की मांग करने वाले आरोपियों के खिलाफ रामगढ़ताल पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर जालसाजी का मामला दर्ज किया है। डॉ. विवेक शर्मा की शिकायत पर कार्रवाई
अस्पताल के संचालक डॉ. विवेक शर्मा, जो बिहार के गोपालपुर के निवासी हैं, ने शिकायत में बताया कि अस्पताल की शुरुआत के समय उमेश कुमार चौधरी और शशि शेखर नामक दो लोगों ने महज ढाई लाख रुपये का निवेश किया था। समझौते के अनुसार, उन्हें उनकी रकम और हिस्सा लौटा दिया गया था। हालांकि, 21 जनवरी 2023 को दोनों अपने 10 से अधिक साथियों के साथ अस्पताल पहुंचे और दबाव बनाकर 10 लाख रुपये की मांग की। तत्काल भुगतान के बावजूद, कुछ समय बाद वे फिर 50 लाख रुपये की मांग करने लगे। जब उनकी मांग पूरी करने से इनकार किया गया, तो आरोपियों ने अस्पताल को अपना बताते हुए जान से मारने की धमकी दी। फर्जीवाड़ा और धमकी का आरोप
डॉ. शर्मा का आरोप है कि यह लोग फर्जी कागजात के आधार पर अस्पताल पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। शुरुआती शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था, लेकिन कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रामगढ़ताल पुलिस अब मामले की गहनता से जांच कर रही है। इस विवाद ने शहर में चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।