सहारनपुर में किसान और प्रशासन की नोकझोंक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। किसान 21 दिसंबर की घटना के बाद से डीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। 26 दिसंबर को महापंचायत का ऐलान भी कर दिया है। किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह बोले-यदि प्रशासन किसानों की मांगों को समय रहते पूरा करते हैं तो किसान धरना प्रदर्शन को विराम देंगे। धरना कमीश्नर ऑफिस के बाहर करने की चेतावनी दी है। एडीएम के खिलाफ उतरे किसान
किसान मजदूर संगठन से जुड़े किसानों का 21 दिसंबर को किसानों की मांगों को लेकर ज्ञापन देने के कार्यक्रम था। लेकिन प्रशासन ने ट्रैक्टर कलेक्ट्रेट परिसर में न आने की शर्त रखी थी। लेकिन इस बीच कुछ किसान कलेक्ट्रेट का गेट में ट्रेक्टर से धक्का मारकर घुस गए। इससे पहले एडीएम-ई डॉ.अर्चना द्विवेदी ने किसानों को ट्रैक्टर अंदर जाने से रोका और डंडा भी चलाया। जिसके बाद दो किसानों को चोट लगने का दावा किसान कर रहे हैं। वहीं एडीएम भी ट्रैक्टर से बच गई। जिसके बाद किसानों और प्रशासनिक अधिकारियों में नोकझोंक हो गई। किसान रात से धरने पर बैठे हैं। पूरण सिंह बोले-किसानों की शर्त माने प्रशासन, नहीं तो होगी महापंचायत
किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह ने दैनिक भास्कर को फोन पर बताया कि प्रशासन की हठधर्मिता के कारण किसानों को धरने पर बैठना पड़ा। उन्होंने कहा-26 दिसंबर को कमीश्नर ऑफिस के बाहर धरना होगा, यदि किसानों की बात नहीं मानी गई। क्योंकि डीएम मनीष बंसल वार्ता करने में विफल रहे हैं और न ही किसानों से बात करनी चाही है। किसानों की बात तक नहीं सुनी है। यदि उनकी ससम्मान मांगों को संबंधित अधिकारियों को बुलाकर मानी गई तो वो महापंचायत नहीं करेंगे। उन्होंने कहा-एक रिपोर्ट आई है। जिसमें दूषित हिंडन और कृष्णा नदी के कारण नदी किनारे से लगते हुए गांवों में कैंसर से लोग मर रहे हैं। जिसमें शिमलाना, रणखंडी और भनेड़ा गांव के लोग पीड़ित है। ऐसे में प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। नदियों में फैक्ट्रियों का दूषित छोड़ा जा रहा है। एनजीटी और प्रदूषण विभाग के अलावा प्रशासन मौन है। 5 किसानों पर कराई रिपोर्ट दर्ज
संगठन के जिलाध्यक्ष अजब सिंह का कहना है कि जिला प्रशासन अपनी हठधर्मिता कर रहा है। बिना वजह के 5 किसानों पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। किसानों को भी लाठीचार्ज में चोट आई है। दो किसानों के सिर में चोट लगी है। आरोप है कि उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है। उनका मेडिकल भी करा दिया गया है। पढ़िए….पूरा मामला
21 दिसंबर को किसान मजदूर संगठन (पूरण सिंह) के जिलाध्यक्ष ठाकुर अजब सिंह के नेतृत्व में किसान नानौता से ट्रैक्टर से दिल्ली रोड पहुंचे थे। यहां से पैदल ही कलेक्ट्रेट पहुंचे। किसानों को ज्ञापन देने से पहले ही जिला प्रशासन ने कलेक्ट्रेट का गेट बंद कर दिया। किसानों को ट्रैक्टर लेकर अंदर जाने से मना कर दिया। उनको अंदर पैदल जाने के लिए कहा गया। लेकिन बंद गेट को देखकर किसान गुस्सा हो गए। ट्रैक्टर से टक्कर मारकर गेट को तोड़ दिया। एडीएम ने अपने ऊपर ट्रैक्टर चढ़ाने का आरोप लगाया। जिससे मामला तूल पकड़ गया। किसान धरने पर बैठ गए। रात भर धरने से उठाने की कोशिश…कलेक्ट्रेट के गेट बंद कराए
जिला प्रशासनिक अधिकारी रातभर किसानों को धरने से उठाने के लिए मशक्त करते रहे। रात एक बजे तक अधिकारी किसानों को प्यार से और डर-धमकाकर धरना खत्म करने की चेतावनी देते रहे। लेकिन किसान नहीं माने। ऐसे में ओर किसान कलेक्ट्रेट में एंट्री न कर सके। प्रशासन ने गेट पर ताले लगा दिए। किसानों की मांग…