बिहार विधानसभा चुनाव की कवायद तेज हो गई है। टिकटों के दांव-पेंच के बीच पूर्णिया सांसद पप्पू यादव कांग्रेस के सिंबल पर अपने कैंडिडेट्स को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं। भास्कर को मिली जानकारी के अनुसार, पप्पू यादव सीमांचल की 10 और बाकी एरिया की 15 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं। वे इसके लिए प्राथमिक तौर पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मिल चुके हैं। हालांकि, अभी ग्रीन सिग्नल नहीं मिला है। जाप के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पप्पू यादव के करीबी राघवेन्द्र कुशवाहा कहते हैं- ‘JAP का विलय कांग्रेस में हुआ था। हम लोग कांग्रेस के साथ हैं। जिन लोगों का प्रदर्शन पिछले विधानसभा चुनाव में ठीक था, उनको नेता जी (पप्पू यादव) ने कह दिया है कि चुनाव की तैयारी करें। लगभग 25 सीटों पर चुनाव लड़ने का हमारा लक्ष्य है।’ लोकसभा चुनाव में RJD से नहीं बनी बात तो जमानत जब्त करा दी 2024 लोकसभा चुनाव में पप्पू यादव पूर्णिया से कांग्रेस का टिकट चाहते थे। उन्होंने चुनाव से ऐन वक्त पहले अपनी पार्टी JAP का कांग्रेस में विलय भी कर लिया था, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से बात नहीं बनी। लालू यादव ने पूर्णिया से अपना प्रत्याशी उतार दिया। इसके बाद पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़े और RJD की बीमा भारती की जमानत जब्त हो गई। वह अभी निर्दलीय सांसद हैं और कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। प्रियंका गांधी का कद बढ़ने से पप्पू समर्थकों में खुशी पप्पू यादव कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के करीबी बताए जाते हैं। उनके लोकसभा सांसद बनने से पप्पू समर्थकों में खुशी है। बताया जाता है कि पूर्णिया सांसद के कांग्रेस में शामिल होने की पहल प्रियंका गांधी ने ही की थी। पप्पू के करीबी तो ये भी दावा करते हैं कि उन्होंने (प्रियंका गांधी) तब पूर्णिया से कांग्रेस का टिकट देने का भी प्रयास किया था, लेकिन बाद में पेंच फंस गया। राघवेन्द्र कुशवाहा कहते हैं- प्रियंका गांधी से हमारे नेता के संबंध मधुर हैं। उनका कद बढ़ेगा तो कांग्रेस में हमारे नेता की पूछ भी बढ़ेगी। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष से पप्पू के खराब रिश्ते हैं कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, पप्पू यादव और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के बीच रिश्ते ठीक नहीं है। दोनों एक-दूसरे को पसंद नहीं करते। अखिलेश सिंह को लालू यादव का करीबी माना जाता है और पप्पू यादव की वर्तमान छवि लालू विरोध के बावजूद सांसद बनने की है। जानकार बताते हैं कि अखिलेश के नहीं चाहने के कारण ही पप्पू यादव को पूर्णिया से लोकसभा का टिकट नहीं मिला था। इसलिए ही पप्पू ने दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ली थी। सीमांचल में पप्पू का असर कोसी-सीमांचल के इलाके में पप्पू यादव की अच्छी पकड़ मानी जाती है। कोसी नदी के किनारे नेपाल और बांग्लादेश की सीमा के करीब बसे पूर्णिया, अररिया, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, किशनगंज और कटिहार के इलाके आते हैं। इनकी राजनीतिक ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगता है कि वो कई बार निर्दलीय विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव तक जीत चुके हैं। सीनियर जर्नलिस्ट रवि उपाध्याय कहते हैं… पप्पू यादव अलादीन का वह चिराग हैं, जिसकी जहां जरूरत होती है वे खड़े हो जाते हैं। पूर्णिया लोकसभा का चुनाव पप्पू नहीं, बल्कि जनता लड़ रही थी। पिछले विधानसभा चुनाव में JAP का निराशाजनक प्रदर्शन पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (JAP) 2020 विधानसभा चुनाव में 154 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन खाता नहीं खुला। सिर्फ तीन सीटों पर ठीक ठाक वोट मिले थे। जमुई में JAP के मो. शमशाद आलम को 17,800, वाल्मीकि नगर में सुमन कुमार को 18,409 और मधेपुरा में पप्पू यादव को 26,462 वोट मिले थे। इन 3 सीटों पर ही पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी। पप्पू यादव ने विधानसभा चुनाव के समय एक गठबंधन भी बनाया था। बिहार में इंडिया गठबंधन के लिए बेहतर साबित होंगे पप्पू सीनियर जर्नलिस्ट रवि उपाध्याय कहते हैं- झारखंड विधानसभा चुनाव में पप्पू यादव की जो भूमिका इंडिया ब्लॉक के लिए थी वही भूमिका बिहार में भी दिखाई पड़ सकती है। पप्पू यादव चाहते हैं कि बिहार में इंडिया गठबंधन की सरकार मजबूती के साथ बने। उनकी कांग्रेस नेताओं से अच्छे संबंध हैं। जब वे पूर्णिया से चुनाव लड़ रहे थे तो राहुल गांधी सीमांचल के इलाके में गए, पर पूर्णिया में महागठबंधन प्रत्याशी के लिए प्रचार नहीं किया। पप्पू यादव चुनाव जीते तो दिल्ली में सबसे पहले प्रियंका गांधी से मिले। ——————- पप्पू यादव से जुड़ी इस खबर को भी पढ़िए… तेजस्वी और मैं नदी के दो किनारे, कभी नहीं मिलेंगे:बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनने के सवाल पर पप्पू यादव बोले- राहुल-प्रियंका तय करेंगे बिहार से एक मात्र निर्दलीय चुनाव जीते पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव कांग्रेस को अपना समर्थन दे सकते हैं। पप्पू यादव ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में कहा कि इसमें कोई बहस नहीं है कि मैं कांग्रेस पार्टी के साथ हूं। कांग्रेस की विचारधारा के साथ हूं। मेरी आइडियोलॉजी ही वही है। ये पूरी तरह क्लियर है। क्या बिहार में कांग्रेस के 4 सांसद हैं? इस सवाल पर पप्पू यादव ने कहा कि इसमें कोई बहस है? पूरी खबर पढ़ें