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RRB गोरखपुर के निलंबित चेयरमैन ने दी थी तहरीर:दो कर्मचारियों पर लगाया था फर्जीवाड़े का आरोप, 2 घंटे बाद ले लिया वापस

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RRB गोरखपुर से फर्जी पैनल जारी होने के मामले में सेंट्रल विजिलेंस की टीम जांच कर रही है। इस मामले में चेयरमैन रहे नुरुद्दीन अंसारी को निलंबित किया जा चुका है। यहां कार्यरत रहे निजी सचिव रामसजीवन भी निलंबित हो चुके हैं। एक अन्य कर्मचारी चंद्रशेखर आर्य पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मामले में केस दर्ज कराने की थी तैयारी है। हालांकि निलंबित चेयरमैन ने पहले ही यह कदम उठाया था। उनकी ओर से निलंबित होने के बाद ही कैंट थाने में तहरीर देकर दोनों कर्मचारियों पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया था। हालांकि 2 घंटे बाद ही तहरीर वापस ले ली गई थी। दी गई तहरीर में यह बताया गया था कि दो कर्मचारियों ने धोखे से हस्ताक्षर कराए हैं। तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने दोनों कर्मचारियों थाने भी बुलाया था। लेकिन कुछ देर बाद ही यह कहते हुए तहरीर वापस ले ली गई कि मामले की जांच सेंट्रल विजिलेंस कर रही है। उसके बाद ही विजिलेंस की टीम गोरखपुर आयी थी। जानिए क्या है मामला मार्डन कोच फैक्ट्री के टेक्निकल ग्रेड थर्ड फिटर के पद पर हुई नियुक्ति की समीक्षा में यह बात सामने आयी कि भेजे गए पैनल के क्रम संख्या 6 व 7 पर क्रमश: सौरभ कुमार व राहुल प्रताप के नाम गलत तरीके से शामिल कर दिए गए हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड के चेयरमैन की ओर से यह जानकारी कोच फैक्ट्री प्रबंधन को अक्टूबर में दे दी गई थी। हाल ही में यह मामला चर्चा में आया तो रेलवे बोर्ड ने चेयरमैन को निलंबित कर दिया। पूरे पैनल की जांच भी की जा रही है। बर्खास्त किए जा चुके हैं दोनों
मामला पकड़ में आने के बाद दोनों फर्जी नियुक्ति वाले युवक बर्खास्त किए जा चुके हैं। उनपर विधिक कार्रवाई की संस्तुति भी की गई है। इसके अतिरिक्त पैनल के अन्य अभ्यर्थियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई न करने को कहा गया है। उनकी जांच की बात कही गई है। RRB में तैनात रहे कर्मियों के पुत्र हैं दोनों दोनों फर्जी नाम जिनके हैं, वे RRB में ही तैनात रहे दो कर्मचारियों के पुत्र हैं। चर्चा है कि दोनों कर्मचारियों की इसमें मिली भगत थी। लेकिन पैनल पर चेयरमैन के हस्ताक्षर होने से उनपर कार्रवाई हुई है। कार्यालय अधीक्षक व पैनल इंचार्ज चंद्रशेखर आर्य के पुत्र राहुल प्रताप व निजी सचिव द्वितीय राम सजीवन के पुत्र सौरभ के नाम शामिल किए गए थे। इसमें चंद्रशेखर सेवानिवत्त हो चुके हैं जबकि राम सजीवन का ट्रांसफर सिग्नल कार्यालय में कर दिया गया है। कर्मियों पर अभी कोई सीधी कार्रवाई नहीं दी गई है। पहले से पता था नहीं आएंगे दो सफल अभ्यर्थी ऊपर से 9 लोगों के नाम ही पैनल में आए थे। पैनल में शामिल लोगों को फोन करने के दौरान यह बात फर्जीवाड़ा करने वालों की जानकारी में आ गई कि दो अभ्यर्थी नहीं आएंगे। वे कहीं और ज्वाइन कर चुके थे। इसका फायदा उठाते हुए यहां से दो नाम जोड़ दिए गए। दोनों ने न तो परीक्षा के लिए फार्म भरा था और न ही परीक्षा दी थी। चेयरमैन की ओर से यही पैनल 26 अप्रैल 2024 को मार्डन कोच फैक्ट्री भेज दिया गया था।

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