लखनऊ से अपने दो दिवसीय दौरे पर आए आयुष विभाग के निदेशक प्रो. डॉ. एके वर्मा ने महोबा में होम्योपैथिक अस्पतालों और सुविधाओं का निरीक्षण किया। सबसे पहले उन्होंने कानपुर-सागर हाईवे पर 1.44 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे होम्योपैथिक भवन का बारीकी से जायजा लिया। निर्माणाधीन भवन के काम में पाई गई खामियों को दुरुस्त करने और कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। जर्जर भवनों के लिए नई योजना
डॉ. वर्मा ने जिले के सभी 11 होम्योपैथिक अस्पतालों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जो अस्पताल किराए या जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं, उन्हें सामुदायिक या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है। इस बाबत शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। दवा स्टॉक और मरीजों का डेटा चेक किया
निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पतालों के दवा स्टॉक, मरीजों के रजिस्ट्रेशन की पत्रावलियों और रिकॉर्ड की गहन जांच की। उन्होंने बताया कि अप्रैल से नवंबर 2024 तक जिले में 94,800 मरीजों को होम्योपैथिक इलाज मिला है, जो इस पद्धति में बढ़ते भरोसे को दर्शाता है। जागरूकता अभियान चलाने पर जोर
आयुष निदेशक ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आम नागरिकों को होम्योपैथिक इलाज के लाभ समझाने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर कैंप लगाए जाएं और दवाओं का वितरण किया जाए। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक दवाएं न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि मर्ज को जड़ से खत्म करने की क्षमता भी रखती हैं। अनुपस्थिति पर सख्ती
डॉ. वर्मा ने बैठक में कर्मचारियों को बताया कि लखनऊ से उपस्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है। यदि किसी की अनुपस्थिति या लापरवाही पाई गई, तो उसका वेतन काटा जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में 10 होम्योपैथिक चिकित्सक तैनात हैं, जो मरीजों को बेहतर सेवाएं देने में लगे हुए हैं। भविष्य की दिशा
निरीक्षण के अंत में उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उनकी यात्रा के दौरान डॉक्टर पंकज सक्सेना, राम सिंह, छोटेलाल और डीपीएम अमित देवरिया समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।