बेतिया के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के आमवा मझार टोला फरवा में ग्रामीणों ने एक 12 फीट लंबे अजगर का रेस्क्यू कर वन विभाग के टीम को सौंप दिया है। बताया जाता है कि ये VTR जंगल से नहर के सहारे बेतिया पहुंच गया था। 25 किलो का ये सांप नहर के पास झाड़ी में बैठा हुआ था। फिलहाल, इसे बोरे में बंद कर जंगल में छोड़ दिया गया है। बताया जाता है कि अजगर को देख कर ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। हालांकि वन विभाग की टीम को आने में समय लगा तो क्रिकेट खेल रहे गांव के युवक राकेश कुमार, रितेश और हिमांशु ने पकड़ लिया। हालांकि कुछ देर बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम को सांप को सौंप दिया। 12 फीट लंबा 25 किलो का अजगर इसके बाद वन कर्मियों की टीम ने अजगर का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया है। DFO ने बताया कि रेस्क्यू किए गए अजगर को वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया है। अजगर तकरीबन 12 फीट लंबा था, जिसका वजन 25 किलो के करीब था। उन्होंने बताया कि जंगल से नहर के रास्ते होते हुए अजगर गांव में घुस रहा था, तभी मवेशियों के लिए चारा काटने गई महिलाओं की नजर इस पर पड़ी जिसके बाद महिला चीखते-चिल्लाते भागने लगी। फिलहाल, अजगर के रेस्क्यू के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। ठंडी में रिहायशी क्षेत्र में पहुंच रहे सांप ठंड के कारण लगातार रिहायशी क्षेत्रों में सांप पहुंच रहे हैं। इसमें कोबरा, करैत, किंग कोबरा, रसेल वाइपर के अलावा अजगर शामिल हैं। ऐसे में वन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों के अंदर डर व्याप्त हो गया है। अजगर के त्वचा का रंग उसके वातावरण पर आश्रित होता है। वातावरण के साथ इसके त्वचा का रंग मिल जाता है, जिसके कारण इसे शिकार करने में आसानी होती है। अजगर अपने शिकार को तब-तक जकड़े रखता है, जब तक उसकी सांसे बंद नहीं हो जाए। बाल और पंखे को छोड़कर सब कुछ पचा लेता अजगर अजगर किसी भी जानवर के निगलने पर उसके बाल और पंख को छोड़कर सब कुछ पचा लेता है। यानी उसके निगलने पर उसके शिकार की हड्डी तक गल जाती है। अजगर पूरे साल में तीन या चार बार शिकार करता है। इसमें बंदर, मृग, कैमन जैसे जंगली जानवर के अलावा रिहायशी क्षेत्रों की बकरियां और मुर्गियों आदि का शिकार करता है। अजगर का शिकार और अवैध तस्करी के मामले भी सामने आते है। अजगर की खूबसूरत त्वचा ही इसके शिकार का कारण बनती है। मादा अजगर एक बार में 12 से लेकर 36 अंडे देती है। समतल जमीन पर अजगर एक मील प्रति घंटा की रफ्तार से चलता है। अजगर की दांतो में जहर नहीं होता है। इसका मतलब है कि अजगर जहरीला सांप नहीं है। फिर भी उसके शरीर को देखकर लोग डर जाते हैं और अजगर के पास जाने से परहेज करते हैं।