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महिला शिक्षिका से दुर्व्यवहार का मामला:16 दिन बाद भी FIR नहीं, प्रशासन की उदासीनता पर उठे सवाल

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पश्चिम चंपारण जिले के गौनाहा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बजड़ा में कार्यरत एक महिला शिक्षिका के साथ शारीरिक उत्पीड़न के प्रयास का मामला सामने आया है। आरोप विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार यादव और शिक्षक वृजमोहन कुमार पर है। इस मामले में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) कुमार अनुभव ने 6 दिसंबर को ही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) संजय कुमार को एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया था। लेकिन 16 दिन बीत जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। एफआईआर में देरी पर प्रशासन की सफाई जब इस मामले पर बीईओ संजय कुमार से सवाल किया गया, तो उन्होंने एफआईआर दर्ज न होने की बात स्वीकारते हुए कहा कि प्रक्रिया चल रही है। लेकिन इस देरी को लेकर कोई ठोस वजह नहीं बताई गई, जिससे प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल उठ रहे हैं। आरोप और जांच समिति की रिपोर्ट महिला शिक्षिका ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को लिखित शिकायत में प्रधानाध्यापक और शिक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत के अनुसार, दोनों ने गलत नीयत से उनके शारीरिक अंगों को छूने और जबरन शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीन ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। समिति ने मामले को सत्य पाते हुए अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इसके बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने प्रधानाध्यापक और शिक्षक को निलंबित कर दिया और एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया। प्रशासन की निष्क्रियता से बढ़ रहा आक्रोश प्रशासन की इस उदासीनता से महिला शिक्षिका और स्थानीय लोगों में रोष बढ़ रहा है। लोगों का कहना है कि इस तरह के मामलों में यदि प्रशासन त्वरित कार्रवाई नहीं करता है, तो यह पीड़ितों के साथ अन्याय है और आरोपियों को बढ़ावा मिलता है।

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