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बुलंदशहर बार एसोसिएशन पर अधिकार की जंग:दोनों पक्षों ने देर रात जड़ा बार पर ताला, 18 दिसंबर को हुआ था चुनाव

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बुलंदशहर में डिस्ट्रिक्ट बार में अब अधिकार की लड़ाई शुरू हो गई है। देर रात बार पर अधिकार के लिए दोनों पक्ष आमने सामने आ गए। दोनों पक्षों के चुनाव होने के बाद अब बार पर दो अध्यक्ष, दो महासचिव समेत अन्य पदाधिकारियों का भी दोहरा चयन हुआ है। बीती रात को बार कार्यालय की चाबी को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ। पूर्व महासचिव पवन कुमार निम ने बार कार्यालय पर अपना ताला लगाया तो वहीं राजाशील पक्ष भी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने अपना ताला लगा दिया। विवाद की सूचना पर नगर कोतवाल मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। 18 दिसंबर को हुआ था चुनाव डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन में चल रहा विवाद लगातार बढ़ रहा है। बीते दिनों पहले राजाशील पक्ष ने चुनाव कराया। जिसमें अध्यक्ष सुमन कुमार सिंह राघव व महासचिव उन्हीं के पक्ष के शैलेंद्र सिंह लोधी बने। इस पक्ष ने अगले ही दिन अपनी शपथ भी ली और बार सभागार पर ताला लगाकर अपना कब्जा कर लिया। इसके दो दिन बाद यानि 18 दिसंबर को पूर्व महासचिव पवन कुमार निम के निर्देशन में दूसरा चुनाव हुआ। जिसमें अध्यक्ष उनके पक्ष के अधिवक्ता रविंद्र शर्मा बने और महासचिव अधिवक्ता उमेश कौशिक बने। चुनाव जीतने के बाद मांगी चाभी जब निवर्तमान महासचिव पवन कुमार निम बार कर्मचारियों के साथ बार का ताला लगवाकर बाहर निकले तो दूसरा पक्ष भी वहां पहुंच गया। जिसमे हाल में जीते अधिवक्ता उमेश कौशिक, पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष रहे अधिवक्ता राजाशील कुमार समेत अन्य अधिवक्ता भी थे। जिन्होंने बार चुनाव जीतने के नाते बार की चाबी मांगी। लेकिन, निवर्तमान महासचिव ने चाबी देने से इंकार कर दिया। नियमों को लेकर तकरार जारी पवन कुमार निम का कहना था कि गत वर्ष जब वह चुनाव लड़े थे तो मतदान 22 दिसंबर 2023 को हुआ था। लेकिन, एल्डर्स कमेटी ने उन्हें चार्ज नौ जनवरी 2024 को दिया था। इसलिए नियमानुसार नौ जनवरी तक चार्ज हमारे पास ही रहेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि अभी तक 18 दिसंबर को जीती नई कार्यकारिणी ने शपथ भी नहीं ली है। इस कारण उन्हें अभी चार्ज नहीं दिया जा सकता है। इसके जवाब में अधिवक्ता राजाशील कुमार का कहना है कि नियमानुसार निवर्तमान महासचिव पवन कुमार निम का अब बार पर कोई अधिकार नहीं है। बार की चाबी जीती हुई नई कार्यकारिणी समिति को दी जानी चाहिए। पूर्व महासचिव ने बार की चाबी नहीं दी थी, इस कारण हमें भी अपना ताला बार पर लगाना पड़ा है।

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