टीम इंडिया के स्टार स्पिनर आर अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। इसका ऐलान उन्होंने भारत और ऑस्ट्रेलिया के गाबा टेस्ट के बाद किया। वहीं अश्विन पिछले 13-14 सालों में टीम इंडिया के लिए सबसे बड़े मैच विनर थे। ब्रिसबेन में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट मैच खेला गया था। बारिश के चलते मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ और इसके साथ ही अश्विन ने रिटायरमेंट की घोषणा भी कर दी।
अश्विन के रिटायरमेंट के बाद तरह-तरह की बातें हो रही हैं और ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि उन्हें रिटायरमेंट अनाउंस करने के लिए दबाव में डाला गया था। वहीं टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने अश्विन के रिटायरमेंट अनाउंस करने के लिए दबाव में डाला गया था। जबकि भारतीय दिग्गज ने इसके लिए टीम मैनेजमेंट को जिम्मेदार ठहराया और उनकी जमकर आलोचना भी की।
मौजूदा ऑस्ट्रेलिया दौरे की बात करें तो भारतीय टीम ने अभी तक तीन टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें से उसे एक में जीत तो एक में हार झेलनी पड़ी। अश्विन को पर्थ टेस्ट में मौका नहीं मिला जबकि एडिलेड टेस्ट में उन्हें प्लेइंग 11 में शामिल किया गया। मिड डे में अपने कॉलम में गावस्कर ने टीम मैनेजमेंट को जमकर कोसा है। गावस्कर ने कहा कि ओवरसीज कंडीशन्स मे बैटर्स और बॉलर्स के साथ अलग व्यवहार होता है, उन्होंने लिखा कि होम टेस्ट में उसे बाहर करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि मैनेजमेंट को पता था कि उनके बिना वह मैच नहीं जीत सकते हैं। अगर ये कहा जाता है कि नंबर एक टेस्ट बॉलर के लिए पिच और कंडीशन्स सूट करने वाली नहीं हैं तो ऐसा ही बैटर्स के साथ क्यों नहीं किया जाता है।
गावस्कर को ये भी लगता है कि अश्विन टेस्ट में सफल कप्तान बन सकते थे, लेकिन उन्हें ये मौका नहीं दिया गया। उन्होंने अपने कॉलम में लिखा कि, अश्विन टीम इंडिया के लि बढ़िया कप्तान साबित हो सकते थे, लेकिन उसे तो उप-कप्तान बनने का भी मौका नहीं मिला। इसलिए ये देखकर अच्छा लगा कि रोहित शर्मा ने अश्विन के 100वें टेस्ट में उन्हें कप्तान करने का मौका दिया था।
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