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पन्नूगंज में लड़कियों के खरीद-फरोख्त गिरोह का भंडाफोड़:पुलिस ने किशोरी को सकुशल किया बरामद, गिरोह के सात आरोपी गिरफ्तार

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सोनभद्र के पन्नूगंज पुलिस ने लड़कियों की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक लापता किशोरी को सकुशल बरामद कर लिया। इस मामले में पुलिस ने पिता-पुत्र, दंपती सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ के बाद उन्हें बीएनएस की धारा के तहत जेल भेज दिया। किशोरी के लापता होने की तहरीर
10 दिसंबर को पन्नूगंज थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने थाने में तहरीर दी थी, जिसमें बताया गया कि उनकी 16 वर्षीय पुत्री 28 नवंबर को घर से बिना बताए कहीं चली गई थी। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर किशोरी की तलाश शुरू कर दी। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि किशोरी को कुछ लोगों ने राजस्थान में बेच दिया था। गिरफ्तारी और बरामदगी
एसपी अशोक कुमार मीणा के निर्देश पर गठित पुलिस टीम ने किशोरी को राजस्थान के दो ग्राहकों और उसे बेचने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया। आरोपियों से किशोरी को सकुशल बरामद किया गया और उनके कब्जे से 64,000 रुपये नकद भी बरामद हुए। गिरफ्तार आरोपी और बरामद रकम
पुलिस ने आरोपियों में रामपुर बरकुनिया के संदीप जयसवाल, सिल्थम के अंकित पांडे उर्फ सोनू, सच्चिदानंद पांडे, कांग्रेस नेता कहे जाने वाले नामवर कुशवाहा और उसकी पत्नी विमला देवी को गिरफ्तार किया। इसके अलावा, राजस्थान से किशोरी को खरीदने वाले विक्रम चंद्र सैनी और कमलेश जाट को भी पकड़ा गया। संदीप जयसवाल के कब्जे से 30,000 रुपये और विमला देवी के पास से 34,000 रुपये बरामद हुए। इस मामले की जांच और गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में एसआई मोहन सिंह, हेड कांस्टेबल धनंजय राय, विवेक यादव, अनुराग वर्मा, साधना पांडे और सुनैना गौड शामिल रहे। एडिशनल एसपी ऑपरेशन त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि 28 नवंबर 2024 को पन्नूगंज थाना में एक नाबालिक लड़की को भगाने का मुकदमा पंजीकृत हुआ था। 22 दिसंबर को पीड़िता की बरामदगी हुई। पूछताछ में यह बात सामने आई कि पीड़िता से मोबाइल के माध्यम से संदीप और महेंद्र संपर्क में थे, और दोनों पीड़िता को लेकर अपने गांव सिल्थम आए थे, जहाँ इन्होंने चार दिनों तक पीड़िता को रखा। 1 दिसंबर को पीड़िता को थाना चोपन निवासी सच्चिदानंद पांडेय और विमला देवी को सौंप दिया गया। विमला देवी ने पहले ही अपनी बेटी की शादी राजस्थान में कर दी थी और वहां लगातार संपर्क में थी। विमला देवी ने कमलेश जाट और विक्रम चन्द्र सैनी को बुलाया और उनके हाथों पीड़िता को 90 हजार रुपये में बेच दिया। इसके बाद कमलेश जाट ने विक्रम चन्द्र सैनी से पीड़िता की शादी करा दी। पूरे घटनाक्रम में शामिल सभी सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। संदीप से 30 हजार रुपये और विमला देवी से 34 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। आगे की विवेचना जारी है।

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