गोपालगंज के नगर थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव निवासी राजद अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष और तपस्या फाउंडेशन के निदेशक प्रदीप देव पर 95 लाख रुपए की ठगी का आरोप लगा है। इस मामले में पटना के पालीगंज थाना क्षेत्र स्थित ओम राम रिसोर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मिथिलेश सिंह ने नगर थाना में लिखित शिकायत देकर एफआईआर दर्ज कराई है। दर्ज एफआईआर में प्रदीप देव के साथ उनकी पत्नी किरण कुमारी, उनकी मां और पटना के आशियाना नगर निवासी प्रशुन कुमार को भी नामजद आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। क्या है मामला? ओम श्री राम रिसोर्स के निदेशक मिथलेश सिंह ने आरोप लगाया है कि मई 2022 में प्रदीप देव ने उनसे संपर्क किया और एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) से गेहूं और चावल उपलब्ध कराने की बात कही। इसके बाद प्रदीप देव ने आशियाना नगर स्थित ऑरेंज एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक प्रशुन कुमार के साथ एक एग्रीमेंट करवाया। आरोप के मुताबिक 15 जुलाई 2022 को 1 लाख रुपए नगद गोपालगंज में दिए गए। 18 जुलाई को 25 लाख रुपए और 15 अगस्त को 14 लाख रुपए का भुगतान किया गया। 26 अगस्त को 5 लाख रुपए और 2023 के मई-जून में 26 लाख 44 हजार रुपए नगद दिए गए। इसके अतिरिक्त, 4 लाख रुपए अन्य खर्च के नाम पर वसूले गए। इन पैसों के बदले पीड़ित को चालान और एग्रीमेंट पेपर समेत अन्य दस्तावेज दिए गए, जो बाद में फर्जी निकले। पैसे लौटाने के बजाय धक्का देकर भगाने का आरोप मिथिलेश सिंह ने बताया कि अनाज की डिलीवरी न होने पर उन्होंने दस्तावेजों की जांच करवाई, जिसमें सभी कागजात फर्जी पाए गए। 14 दिसंबर को जब वह प्रदीप देव के घर पहुंचे तो उन्हें धक्का देकर भगा दिया गया। पुलिस की कार्रवाई नगर थानाध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। वरिष्ठ अधिकारियों की जांच और उनके निर्देशों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल अनुसंधान जारी है। प्रदीप देव का बयान आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदीप देव ने कहा, “सभी आरोप बेबुनियाद और गलत हैं। इस मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं है।” राजनीतिक और कानूनी पहलू इस मामले ने गोपालगंज और राजद के स्थानीय सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। वहीं, पीड़ित ने ठगी से संबंधित सभी दस्तावेज एफआईआर के साथ संलग्न किए हैं, जिनकी पुलिस जांच कर रही है।