वाइल्डलाइफ एसओएस में सीक्रेट सांता बनकर आए अभिनेता, डीजे और पशु प्रेमी अश्मित पटेल ने हाथी और भालुओं के साथ क्रिसमस मनाया। अश्मित आगरा और मथुरा में स्थित संस्था के केंद्रों में बचाए गए हाथियों और भालूओं की देखभाल करने वाली टीम के लिए उत्सव की खुशी लेकर आए। अश्मित ने वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र, हाथी अस्पताल और आगरा भालू संरक्षण केंद्र को देखा। क्रिसमस की तैयारियों में की सहभागिता अश्मित पटेल ने संरक्षण केंद्र पर क्रिसमस की चल रही तैयारियों में भाग लिया। उन्होंने देखभाल करने वाली टीम के साथ फल काटे और जानवरों के लिए व्यंजन बनाने में भी मदद की। वह उत्सव मनाने के लिए क्रिसमस ट्री को सजाने में भी शामिल हुए, जिसमें सितारे और रिबन जोड़े गए, जिससे पूरा केंद्र खुशी से जगमगा उठा। हाथियों को दिए उपहार सांता टोपी पहने हुए अश्मित ने व्यक्तिगत रूप से स्वादिष्ट फलों, मेवा और जानवरों के लिए अन्य उपहारों से भरे बॉक्स पैक किए और उपहारों को क्रिसमस ट्री के नीचे रख दिया। जैसे ही सूरज डूबा उन्होंने शाम की सैर के दौरान हथनी एम्मा, माया और फूलकली को ये उपहार दिए। उपहारों को देखकर और उनकी खुशबू से हाथी आश्चर्यचकित रह गए। सूजी हथिनी को किया याद अश्मित ने देखभाल करने वाली टीम के साथ बातचीत की। जिसमें सूज़ी की देखभाल करने वाले बाबूराम शामिल थे। जो की बूढ़ी मादा हथनी सूज़ी की मृत्यु के बाद दुखी थे। साथ में उन्होंने वाइल्डलाइफ एसओएस की फिल्म ‘माई स्वीट पारो’ देखते समय उसे याद किया, जिसने अश्मित को बहुत प्रभावित किया। हाथियों के लिए किए जा रहे काम की सराहना की अश्मित पटेल ने केंद्र को देखने के बाद कहा कि वह कुछ उम्मीदों के साथ आए थे लेकिन वाइल्डलाइफ एसओएस के केंद्रों का दौरा करने के बाद काफी प्रभावित हुआ। इन अद्भुत जानवरों के संरक्षण और जागरूकता पैदा करने में किया जा रहा कार्य वास्तव में उल्लेखनीय है। उनकी दिल दहला देने वाली कहानियाँ सुनकर बहुत दुःख होता है, लेकिन डॉक्टरों का समर्पण और उनकी देखभाल करने वालों से उन्हें जो प्यार मिलता है उसे देखकर बहुत खुशी होती है। वाइल्डलाइफ एसओएस इन संकटग्रस्त जानवरों के लिए दूसरा घर है जो अब जंगल में वापस नहीं लौट सकते।