प्रतापगढ़ में हिंदू राष्ट्र और सनातन बोर्ड की मांग के बाद अब किसानों के हित में ‘किसान राष्ट्र’ और ‘किसान बोर्ड’ की आवाज उठने लगी है। विश्व के पहले किसान पीठाधीश्वर और किसानाचार्य स्वामी शैलेन्द्र योगिराज ने इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद की है। उन्होंने भारत को ‘किसान राष्ट्र’ घोषित करने की मांग की और किसानों के लिए विशेष प्रोटोकॉल बनाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना है कि इस कदम से अन्नदाता को अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। किसान को मिलेगा उच्च दर्जा स्वामी शैलेन्द्र योगिराज ने किसान को भगवान और देवता का दर्जा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसान राष्ट्र घोषित करने से न केवल किसानों की उपेक्षा खत्म होगी, बल्कि उनकी समस्याओं का समाधान भी होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि किसान न होते, तो धार्मिक स्थानों में भगवान के लिए प्रसाद, मस्जिदों में चादर, चर्चों में केक, और गुरुद्वारों में लंगर की व्यवस्था संभव नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि शास्त्रों में अन्न को ब्रह्म माना गया है, और अन्नदाता किसान को सर्वोपरि स्थान दिया गया है। किसान बोर्ड की स्थापना की मांग स्वामी शैलेन्द्र योगिराज ने किसान बोर्ड की स्थापना की भी मांग की। उनका कहना था कि जैसे उद्योगपतियों को अपनी फसल का मूल्य तय करने का अधिकार है, वैसे ही किसानों को भी यह अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसान समाज के विभिन्न जाति और धर्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं और देश की एकता को बढ़ावा देते हैं। महाकुंभ में विशेष शिविर स्वामी शैलेन्द्र योगिराज ने महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को भी आमंत्रित किया है। प्रयागराज में सेक्टर नंबर 15 में स्थित विश्व के पहले किसान देवता मंदिर में श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए विशेष शिविर लगाया गया है।