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गोरखपुर में मनाई गई मोहम्मद रफी की 100वीं जयंती:संगीतमय शाम में कलाकारों ने ट्रिब्यूट कर दी श्रद्धांजलि, रफी के गीतों पर झूमें लोग

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गोरखपुर में भारतीय सिनेमा के सदाबहार गायक मोहम्मद रफी की 100वीं जयंती के मौके पर राजकीय बौद्ध संग्रहालय के सभागार में एक भव्य संगीतमय संध्या का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सैनमैक्स सिनेमा और अनुदीप क्रिएशंस के संयुक्त प्रयास से आयोजित हुआ। “मोहम्मद रफी: द वॉयस ऑफ ए सेंचुरी” नामक इस संगीतमय संध्या में गोरखपुर के संगीत प्रेमियों ने रफी साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्य अतिथियों और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बौद्ध संग्रहालय के उप निदेशक यशवंत सिंह राठौर उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में समाजसेवी राजेश चंद्र गुप्त, गीतकार व भजन गायक प्रमोद चोखानी और अन्य संगीत प्रेमी शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन अनुराग सुमन और दीप्ति अनुराग ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत रफी और किशोर कुमार को श्रद्धांजलि से हुई
कार्यक्रम की शुरुआत मोहम्मद रफी और किशोर कुमार की जोड़ी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए दीप्ति और अनुराग ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। इसके बाद अनुराग सुमन ने रफी के प्रसिद्ध गीत ‘तुम बिन जाऊं कहां…’ को प्रस्तुत किया, जिसने मोहम्मद रफी और किशोर कुमार की यादों को ताजा कर दिया। इसके बाद दीप्ति अनुराग ने फिल्म “हम किसी से कम नहीं” का मशहूर गीत ‘यह लड़का है अल्लाह…’ गाकर रफी साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की। कई कलाकारों ने रफी के गीतों से संगीतमय संध्या को संजीवनी दी
संगीतमय संध्या में कई कलाकारों ने रफी के सदाबहार गीतों का समर्पण किया। आभास ने ‘तुम मुझे यूं भुला न पाओगे…’ और आर्नव ने ‘तारीफ करूं क्या उसकी…’ गाया, वहीं संदीप टेकरीवाल ने ‘तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है…’ गीत प्रस्तुत किया। मनीष शुक्ला ने ‘क्या हुआ तेरा वादा…’ और द्वारकाधीश मणि त्रिपाठी ने ‘दीवाना हुआ बादल…’ गाकर रफी साहब की यादों को सजीव किया। संगीतकारों ने कार्यक्रम में जोड़ा संगीतमय जादू
कार्यक्रम में संगीतकारों के रूप में नमन उपाध्याय (गिटार), पंकज शुक्ला (आर्गन), सुमंत राय (पैड) और सूरज मिश्रा (नाल) ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति दी। समारोह में समाजसेवी मनीष जैन, रंजीता पाण्डेय, हर्ष तिवारी, संदीप सिंह, रामानंद आर्या, मनीष दुबे, अग्निवेश मणि त्रिपाठी और कई अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित रहे। आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन
अंत में, अनुराग सुमन ने इस संगीतमय संध्या के आयोजन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि रफी साहब के सौवें जन्मदिवस को यादगार बनाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। दीप्ति अनुराग ने सभी उपस्थित अतिथियों और संगीत प्रेमियों का आभार व्यक्त किया।

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