बदायूं के चार मासूमों की दीवार के मलबे में दबकर मौत हो गई। हादसा हरियाणा के सोनीपत में रविवार रात हुआ। आज परिजन शव लेकर यहां पहुंचे। मरने वालों ने तीन सगे भाई-बहन हैं। वहीं चौथी मासूम की उम्र तीन महीने की है जो उनकी ममेरी बहन है। दरअसल बदायूं के थाना बिल्सी इलाके के गांव बेरमई निवासी भगवानदास हरियाणा के सोनीपत के गांव नारनौंद में स्थित ईंट-भट्ठे पर परिवार समेत रहकर मजदूरी करते हैं। वहीं उनका साला भी अपने परिवार के साथ रहता है। रविवार रात तकरीबन नौ बजे वह भट्ठे पर ईंटें बना रहे थे। भगवानदास की पत्नी शीबा ने अपने बच्चे सूरज, विवेक और नंदनी (सभी 3 से 9 साल) और भाई की तीन महीने की बेटी निशा को वहीं दीवार के किनारे चारपाई डालकर सुला दिया था। दो अन्य बच्चे भी पास की चारपाई पर सो रहे थे। बताया जाता है कि इस दौरान अचानक तेज हवा चली और दीवार ढह गई। परिजनों ने किया अंतिम संस्कार
इसके मलबे में दबकर सभी चार मासूम गंभीर रूप से घायल हो गए। मामले की जानकारी पर भट्टे के सारे मजदूरों समेत आसपास इलाके के लोग आ पहुंचे और मलबा हटाना शुरू कर दिया। प्रशासनिक अधिकारी भी वहां आ पहुंचे। सभी को वहां के अस्पताल ले जाया गया, वहां चार बच्चों को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। परिवार वाले आज सुबह तीनों शव लेकर यहां पहुंचे तो गांव वालों की भीड़ शवों को देखने में जुट गई। वहीं दोपहर को परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए हैं।