जिस भी ग्रुप का ब्लड चाहिए मिलेगा, ₹7000 लगेंगे इसी हेडिंग से 11 दिन पहले भागलपुर के सरकारी अस्पतालों में दलालों का बोलबाला और खून के खेल के खुलासे की खबर छपी थी। खबर प्रकाशित होने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया है। प्रशासन ने अस्पताल की कई दीवारों पर दलालों से सावधान रहने के लिए पोस्टर लगाए हैं। बकायदा अस्पताल प्रभारी और मैनेजर का मोबाइल नंबर भी उसमें दिया गया है। ताकि अस्पताल में अगर किसी दलालों के द्वारा बहला फुसलाकर किसी निजी क्लीनिक में भर्ती कराया जा रहा है। फिर ब्लड को लेकर दलाल रुपए की मांग करते हैं तो फौरन दिए गए नंबर पर आप सूचना दें। भास्कर इन्वेस्टिगेशन में 30 दिसंबर को खबर प्रकाशित की गई थी कि मायागंज अस्पताल में 6500 में अवैध तरीके से खून का खेल हो रहा है। सदर और मायागंज अस्पताल में मरीज के भेष में दलाल काफी सक्रिय हो गया है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र के भोले-भाले गरीब मरीजों को अपना निशाना बना रहे हैं। मरीजों को बहला फुसलाकर निजी क्लीनिक में भर्ती करवाते हैं। उनसे मोटी रकम बदली करते हैं। अस्पताल में ब्लड के अलावा दलाल मरीजों को एम्बुलेंस भी उपलब्ध कराते हैं। इसके लिए मरीज के परिजनों को ऊंची कीमत देनी होती है। अगर लोगों को आम स्थिति में भागलपुर से पटना आना होता है तो 6000 हजार रुपए लगते हैं, लेकिन दलाल ने उपलब्ध कराया तो 12 हजार रुपए देने पड़ते हैं। दूसरा धंधा, दलालों का सरकारी अस्पताल से मरीज को डिस्चार्ज कराकर निजी अस्पताल में भर्ती कराना है। इसके लिए भी दलालों को एक हजार रुपए कमीशन मिलता है। ज्यादातर ये वो मरीज होते हैं जो बाहर से इलाज के लिए आते हैं। उन्हें दलाल फुसलाकर निजी जगह ले जाते हैं। प्रभारी चिकित्सक बोले- ऐसी कोई शिकायत हो तो फौरन सूचना दे सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ राजू ने बताया कि अस्पताल गेट पर पोस्टर लगा दिया गया है। सरकारी अस्पताल में किसी चीज को लिए पैसे नहीं देना होता है। पोस्टर में हम अपना पर्सनल नंबर और मैनेजर का पर्सनल नंबर दिया गया है। अगर किसी भी दलाल के द्वारा उन्हें बहला फुसला कर ले जाया जा रहा है या पैसे की कोई डिमांड करता है तो वह मुझे इसकी सूचना दें। उस पर कार्रवाई की जाएगी।