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5000 लोगों से की 30 करोड़ की ठगी:पूर्व IPS से भी लिए थे डेढ़ करोड़, 4 जिलों में फैलाया था नेटवर्क, तीन दिन पहले अरेस्ट

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‘हम लोग नहीं जानते थे कि वो बैंकिंग की आड़ में ठगी का काम करता है। व्यवहार तो अच्छा ही था, गांव में रहना छोड़ दिया था, शहर में रहता था, इसलिए कभी-कभी गांव आता था। कुछ लोगों से मिलता-जुलता भी था। बताता था कि बैंक से संबंधित कोई काम करते है।’ ये बातें मुजफ्फरपुर के मनियारी थाना क्षेत्र के मौरनिस्थ गांव के रहने वाले राकेश कुमार और अंसार ने अनिल चौधरी के बारे में बताई हैं। दरअसल, स्वर्ण इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के फरार चल रहे सीएमडी अनिल चौधरी को दरभंगा पुलिस ने सोमवार को नोएडा से गिरफ्तार किया है। अनिल चौधरी पर दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण में नन बैंकिंग कंपनी खोलकर 5 हजार लोगों से 30 करोड़ से अधिक की ठगी करने का आरोप है। उसने पूर्व IPS नागेंद्र चौधरी से भी डेढ़ करोड़ की ठगी की थी। 3 साल पहले अनिल चौधरी के पिता का निधन हो चुका है। उसकी मां कहां रहती है, ये किसी को पता नहीं । आइए, बिहार के चार जिलों में 30 करोड़ की ठगी करने वाले अनिल चौधरी के बारे में जानते हैं। पहले जानिए अनिल चौधरी के पड़ोसियों ने क्या कहा? ठगी करने वाले अनिल के पड़ोसी अंसार ने बताया कि ‘अनिल के घर की स्थिति खराब थी, तो पूरा परिवार शहर चला गया था।’ पड़ोसी रिटायर्ड शिक्षक राजेश्वर चौधरी ने बताया कि ‘उसका परिवार पिछले 20 साल से गांव वाले मकान में नहीं आया। जब मैंने ठगी के बारे में सुना तो भरोसा नहीं हुआ, क्योंकि उसने गांव में किसी के साथ इस तरह की घटना को अंजाम नहीं दिया है। हां, ये जरूर सुना है कि उसने बिजनेस के लिए कुछ साल पहले IPS नागेंद्र चौधरी से पैसे लिए थे, लेकिन बिजनेस फ्लॉप हो गया था।’ पूर्व IPS नागेंद्र चौधरी की 7 फरवरी 2023 को मौत हो चुकी है। उनके घर पर अब कोई नहीं रहता है। उनके परिवार के लोग झारखंड, मुंबई और दिल्ली में रहते हैं। उनके भाई अमन चौधरी ने बताया कि ‘एक ही जाति होने की वजह से अनिल चौधरी से जान पहचान हुई थी। उसने भाई से वाटर पार्क खोलने के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपए लिया था। वाटर पार्क खुला भी, लेकिन नहीं चला।’ ‘उसके बाद अनिल चौधरी ने वाटर पार्क बंद कर दिया और जमीन बेचकर पैसे रख लिया। कई बार हम लोगों ने रुपए वापस करने का दबाव बनाया, लेकिन उसने रुपए नहीं दिए। इसके बाद नागेंद्र चौधरी ने नगर थाना में आवेदन देकर 4 नवंबर 2021 को ठगी की FIR दर्ज कराई थी।’ लोगों को एक साल में डेढ़ गुना फायदा का देता था वादा जानकारी के मुताबिक, अनिल चौधरी ने लोगों को चूना लगाने के लिए स्वर्ण इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक नन बैंकिंग कंपनी बनाई थी। ये कंपनी लोगों को 12 महीने में रुपए डेढ़ गुना करने के नाम पर रुपए लेती थी। इस मामले में मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के 5000 लोगों ने अलग-अलग थानों में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस इस मामले में अनिल चौधरी, उसकी पत्नी, भाई समेत 7 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। दरभंगा के नगर थाना अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि ‘करीब 10 दिन पहले मामले से जुड़े एक आरोपी सुरेंद्र चौधरी को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किया था।’ कंपनी में काम करने वालों ने ही दर्ज कराई थी शिकायत दरभंगा नगर थाना अध्यक्ष के मुताबिक, 9 सितंबर 2020 को मामला दर्ज हुआ था। धोखाधड़ी, फरेब व जालसाजी के आरोप में अनिल कुमार चौधरी के अलावा उसकी पत्नी सुनीता चौधरी, दो भाई मुकेश कुमार व सोनू कुमार, दरभंगा के शाखा प्रबंधक अजय और कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र चौधरी समेत 7 को नामजद किया था। प्राथमिकी को लेकर दिए गए आवेदन पर 31 लोगों के हस्ताक्षर थे। आवेदन में कहा गया था कि आवेदक और कई लोगों ने स्वर्ण इंडिया में बतौर एजेंट काम शुरू किया। एजेंट का काम ग्राहकों का खाता खोल कर एफडी, आरडी, एमइएस के माध्यम से रुपए जमा कराना था। 2009 से साल 2017-18 तक सबकुछ ठीक चल रहा था। ग्राहकों की जमा राशि पर भुगतान समय पर ब्याज समेत होता था। 2018 में कंपनी को बिना सूचना के बंद कर दिया गया। आवेदन में बताया गया कि चार से पांच करोड़ की ठगी दरभंगा शाखा से की गई। इसके अलावा, मुजफ्फरपुर से 4 करोड़, पश्चिम चंपारण से 15 करोड़ और पूर्वी चंपारण से करीब 6 करोड़ रुपए की ठगी की गई है। मई 2023 में हुई थी छापेमारी, लेकिन फरार हो गया था अनिल चौधरी के दिल्ली में होने की सूचना पर मई 2023 में दरभंगा नगर थाने की पुलिस ने छापेमारी की थी, लेकिन वो फरार हो गया था। हालांकि, पुलिस ने इस दौरान अनिल की पत्नी सुनीता चौधरी समेत कुछ लोगों को अरेस्ट किया था। इनके पास से कंपनी से संबंधित 26 फाइल, अलग-अलग बैंकों के 36 चेक बुक, 26 मोहर बरामद किए गए थे। ————————- ये भी पढ़ें… अमेरिकी कंपनी के नाम पर साइबर फ्रॉड:बिहार के 300 लोगों से 40 लाख की ठगी, ऑनलाइन ऐप डाउनलोड करने का देते थे टास्क भारत में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। अमेरिकी कंपनी GMR मार्केटिंग के नाम पर बिहार में भी 300 लोगों से 40 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। पटना के रामकृष्णा नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले भूषण कुमार इसके शिकार हुए हैं। ठगी का शिकार हुए भूषण कुमार ने 15 लोगों के साथ मिलकर साइबर थाने में मामला दर्ज कराया है। भूषण कुमार के बताया, ‘पुलिस ने सभी लोगों से कब, कैसे और कितना पैसा लिया गया है, इसकी डिटेल मांगी है।’ पूरी खबर पढ़िए

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