मौसम में समय के पहले तापमान बढ़ने से फरवरी माह में ही मार्च जैसा एहसास होने लगा है। 24 घण्टे के भीतर अधिकतम तापमान छह डिग्री बढ़ गया। कुछ देर ही धूप को बर्दाश्त किया जा सकता है। दिन में गर्म कपड़े पहनना भी मुश्किल हो गया है। मच्छरों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। वहीं दूसरी तरफ गेहूं की फसल को लेकर किसान चिंतित हैं क्योंकि अधिक तापमान होने पर पैदावार और गुणवत्ता दोनों पर असर पड़ता है। मौसम विभाग ने आने वाले घंटों में आसमान में कुछ बदरी छाने की संभावना व्यक्त की है, लेकिन तापमान ज्यादा कम होने से इंकार किया है। फरवरी महीने में इतनी तेजी से तापमान में गिरावट को देखकर मौसम वैज्ञानिक भी चिंतित हैं। क्योंकि फसलों पर तापमान का सीधा असर पड़ता है। रबी की फसल में बढ़ता तापमान खतरा माना जाता है। फरवरी महीने में गेहूं की फसल में बालियां आनी शुरू हो जाती है। इसके लिए अधिकतम तापमान 25 और न्यूनतम 10 डिग्री मुफीद माना गया है। क्योंकि गेहूं की फसल को ठंडे वातावरण की जरूरत होती है। बीते 18 जनवरी से अधिकतम तापमान बढ़ाने का क्रम जारी हो गया। 19 तारीख को पारा 20 था लेकिन 20 तारीख को एकाएक बढ़कर 26 डिग्री हो गया। एक बार फिर 23 तारीख को तापमान गिरकर 18 तक पंहुच गया था। फिर कुछ दिनों घटते और बढ़ते क्रम में बना रहा। लेकिन बीते शनिवार को एक बार फिर तापमान तेज छलांग लगाकर 28.5 डिग्री तक पंहुच गया। जो बुधवार 27 डिग्री पर पंहुचाया गया। मौसम में राहत की बात यह है कि अभी न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से ऊपर नही गया।
![](https://drishyamindia.com/wp-content/uploads/2025/02/comp-3-5_1738837998-EBU34s-300x225.gif)