कानपुर आईआईटी में यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रोजेक्ट मैनेजर शुभम मालवीय की अरेस्टिंग के बाद एसीपी मोहसिन केस की पीड़िता रिसर्च स्कॉलर ने पुलिस पर सवाल उठाए हैं। छात्रा का कहना है कि दोनों केस में शादी का झांसा देकर यौन शोषण यौन शोषण से जुड़ा मामला है। लेकिन मेरे केस में आरोपी पुलिस अफसर था, इस वजह से उसकी अरेस्टिंग नहीं हुई। पुलिस अफसरों ने मेरे साथ पक्षपात किया है। मैं अब इस केस में पुलिस अफसरों से न्याय की उम्मीद छोड़ चुकी हूं। आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक लड़ाई लड़ूंगी। एसीपी ने आईआईटी की रिसर्च स्कॉलर का किया था यौन शोषण
आईआईटी कानपुर की रिसर्च स्कॉलर ने कानपुर में तैनात रहे एसीपी मोहसिन खान पर शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 12 दिसंबर को कल्याणपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस केस के डेढ़ महीने के भीतर ही आईआईअी से एक और मामला सामने आया और इस बार एक 25 साल की इंप्लाइ ने अपने प्रोजेक्ट मैनेजर शुभम मालवीय पर शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 26 जनवरी को आरोपी प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ कल्याणपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने इस केस में आरोपी शुभम को अरेस्ट करके बुधवार को जेल भेज दिया। आरोपी शुभम की अरेस्टिंग होने के बाद एसीपी मोहसिन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली रिसर्च स्कॉलर ने कानपुर पुलिस पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। छात्रा ने बताया- दोनों केस एक नेचर के हैं। दोनों ही मामलों में शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न किया गया, लेकिन मेरे केस में आरोपी एक वर्दी वाला एसीपी मोहसिन था, इस वजह से आरोपी की अरेस्टिंग नहीं हुई। मोहसिन व उसकी पत्नी से पुलिस ने पूछताछ करना तक मुनासिब नहीं समझा। यहां तक कि उसका मोबाइल भी महीनों बाद दबाव बनाने पर पुलिस ने जांच के लिए कब्जे में लिया। तब तक आरोपी ने मोबाइल से सारे साक्ष्य मिटा दिए हैं। जबकि दूसरे केस में आरोपी आईआईटी का इंप्लाइ था तो उसे अरेस्ट करके सलाखों के पीछे भेज दिया। रिपोर्ट दर्ज होते ही उसका मोबाइल पुलिस ने जब्त कर लिया। कानपुर पुलिस ने आरोपी मोहसिन की अरेस्टिंग नहीं करके उसे मौका दिया और उसे हाईकोर्ट से अरेस्टिंग स्टे मिल गया। कानपुर में तैनात पुलिस अफसरों ने मेरे केस में आरोपी को राहत देकर पक्षपात किया है। पीड़ित छात्रा ने बताया- इस केस की जांच कर रही एडीसीपी अर्चना सिंह से पूरी तरह से संतुष्ट हैं, लेकिन मेरे केस में कानपुर के बड़े पुलिस अफसरों की भूमिका संदिग्ध रही। इस वजह से आरोपी मोहसिन की अरेस्टिंग नहीं की गई और आज वह आराम से खुलेआम घूम रहा है। आरोपी ACP को सजा दिलाने को सुप्रीमकोर्ट तक जाऊंगी
पीड़ित रिसर्च स्कॉलर ने बताया- वह मोहसिन को सजा दिलाने के लिए हाईकोर्ट और फिर सुप्रीमकोर्ट तक अपनी लड़ाई लड़ेगी। पुलिस अफसर भले ही आरोपी एसीपी मोहिसन को बचा रहे हैं, लेकिन वह अपने केस के आरोपी मोहसिन को सजा दिलाने को हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट तक लड़ाई लड़ेगी। उसकी इस लड़ाई में आईआईटी प्रशासन भी पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। एसीपी के अरेस्टिंग स्टे और चार्जशीट पर स्टे के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल करके उसे खारिज कराएगी। इससे कि आरोपी मोहसिन को भी अरेस्ट करके जेल भेजा जा सके।
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