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आधे घंटे कटे शवों के टुकड़े इकट्ठा करते रहे परिजन:मुंगेर रेल हादसे में तीन लोगों की दर्दनाक मौत, मृतक उषा देवी को नहीं देख पाए परिजन

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मुंगेर में जमालपुर-भागलपुर रेलखंड पर एक दर्दनाक रेल हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। ऋषिकुंड हॉल्ट के पास हुई इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। सुबह 5:30 बजे अपने घर से निकले लोगों की इस हादसे में मौत से क्षेत्र में मातम छा गया। घटना की सूचना मिलने के बाद बरियारपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि, पुलिस द्वारा डोम को साथ नहीं लाने के कारण परिजनों को खुद ही रेल ट्रैक से शवों के टुकड़े इकट्ठा करने पड़े। शवों की स्थिति इतनी भयावह थी कि टुकड़ों को एकत्र करने में करीब 30 मिनट का समय लगा। इस दौरान मौके पर मौजूद परिजन अपने प्रियजनों के शवों को देखकर बेहोश हो रहे थे। चार घंटे की कानूनी कार्रवाई के बाद तीनों मृतकों के शवों को एक मालवाहक वाहन में रखकर पोस्टमॉर्टम के लिए मुंगेर सदर अस्पताल भेजा गया। परिजनों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है और लोग एक-दूसरे को सांत्वना देने में जुटे हैं। उषा देवी के घर की स्थिति काफी दयनीय घटना के बाद दोनों मृतक के परिजनों में कोहराम मचा है। इस दौरान हमने जब मृतक के परिजनों से बात की। इस दौरान सबसे पहले हम मृतक उषा देवी के घर गए, जहां देखा गया कि उषा देवी का घर टूटा हुआ पाया गया। कच्ची मकान के अंदर दो बहू प्रियंका देवी और देवरानी सोनी देवी थी। प्रियंका ने बताया कि सुबह वे अपनी सास को चाय बनाकर दी थी। उन्होंने बताया कि महज आधे घंटे बाद सूचना मिली की सास की ट्रेन से कटने से मौत हो गई। जबकि उसके 3 बेटे प्रदेश में रहकर मजदूरी करते हैं। उषा देवी का अंतिम चेहरा ना तो बहु देखा पाई और ना ही उनके बेटा को नसीब हुआ। पड़ोसी ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले गए। जवान बेटी के पढ़ाई और शादी की चिंता वहीं मृतक उषा देवी के घर से महज 200 मीटर की दूरी पर मृतक रामरुची देवी का घर है। घटना के बाद मां रामरुची देवी और बेटा अमीत कुमार की मौत हो जाने के बाद परिजनों पर पहाड़ का बोझ टुट गया है। मृतक अमीत दो भाई में छोटा था। जबकि उसे एक बहन भी है। मृतक अमीत की पत्नी उषा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। लगातार वह अपने पति के गम में बदहवास हो रही थी। जबकि उसे एक बेटा लव आनंद और बेटी रोशनी कुमारी है, जो 10वां क्लास की छात्रा है। मृतक अमीत की भतीजी रचना कुमारी ने बताया कि मेरे फूफा और उनकी मां ट्रेन की चपेट में आने से मौत हे गई। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए परिजनों को आर्थिक सहायता और नौकरी सहित मुआवजा की मांग की। परिजनों द्वारा बताया गया कि अमीत किसान थे और घर पर रहकर मवेशी पालन करने के साथ खेतीबाड़ी का काम करते थे। ग्रामीणों के आखों के सामने हुआ हादसा रतनपुर गांव निवासी अधिवक्ता रामजीवन चौधरी ने बताया कि हम रोजाना मॉर्निंग वॉक करते हैं। गुरुवार की सुबह भी हम मॉर्निंग वाक करते हुए ऋषिकुंड हॉल्ट पर गए थे। मेरे सामने ही मां बेटा जा रहे थे। इसी क्रम में देखा कि ट्रेन पर चढ़ने के लिए जैसे ही रामरुची देवी, बेटे अमीत कुमार और पड़ोसी महिला उष देवी रेल पटरी को पार कर रहे थे। तभी बरियारपुर की ओर से आ रहे अप गया हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन कतरते हु निकल गए। घटना के बाद शव-टुकड़ा-टुकड़ा में बिखरा गया। अप रल पटरी पर 100 मीटर तक शव को घसीट लिया गया। जिस कारण रेल पटरी के आसपास शव टुकड़ा-टुकड़ा में बिखर गया। घटना के बाद गांव की गलियां व सड़कें हुई वीरान वहीं घटना के बाद गांव के चौक-चौराहा पर जहां हमेशा लोगों को जमाववाड़ा होता था। वहीं सभी चौक-चौराहा के अलावा सड़क और गलियों में बिरानी छाई हुई थी। एक दो जगहों पर लोग पाया गया जो घटना को लेकर ही चर्चा करते नजर आए। ग्रामीणों ने बताया कि पहली बार एक साथ तीन लोगों की मौत हुई है। जिससे सभ ग्रामीणों में मातम हैं। लोग अपने-अपने घरों के अंदर परिजन साथ बैठे नजर आए। वहीं घटना को लेकर बियारपुर थानाध्यक्ष बिरभद्र सिंह ने बताया कि सूचना पर हम सभी लोग घटना स्थल पर गए थे। शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए मुंगेर सदर अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।

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