ग्वालियर में एक करोड़ रुपए की फिरौती के लिए 6 साल के शिवाय के अपहरण मामले में पुलिस ने तिघरा रोड पर शॉर्ट एनकाउंटर के बाद मुख्य आरोपी भोला गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले बुधवार को एसआईटी ने दो अन्य आरोपी मोनू गुर्जर और भूरा गुर्जर को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों का जुलूस निकालकर घटनास्थल का निरीक्षण कराया। आरोपियों को सात नंबर चौराहे के पास स्थित सीपी कॉलोनी तक ले जाया गया। यह वही जगह है जहां से शिवाय का अपहरण किया गया था। मुरार पुलिस ने घटनास्थल पर क्राइम सीन रिक्रिएट भी किया। एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि केस का मुख्य आरोपी भोला गुर्जर है। उसने बच्चे को मां से छुड़ाकर बाइक पर बिठाया था। उस पर पहले भी हत्या का मामला दर्ज है। इसकी लगातार हमारी टीम सर्चिंग कर रही थी। एसपी ने बताया कि- मुरार थाना प्रभारी को सूचना मिली थी कि तिगरा क्षेत्र से किसी वाहन से भागने वाला है। नाकाबंदी कर उसे पकड़ने का प्रयास किया गया तो उसने पिस्टल से फायरिंग की। पुलिस टीम ने अपने को बचाते हुए फायरिंग की जिसमें वह घायल हुआ है। उसे लेकर जेएच हॉस्पिटल पहुंचे हैं। 2 तस्वीरें देखिए- शिवाय अपहरण कांड में 7 बदमाश थे शामिल
13 फरवरी को ग्वालियर की सीपी कॉलोनी से 6 साल के शिवाय का बाइक सवार दो बदमाशों ने अपहरण किया था। उसी दिन पुलिस की सख्त नाकाबंदी के चलते वह शिवाय को मुरैना में छोड़कर भाग गए थे। जिसके बाद हाल ही में मुरैना पुलिस ने वारदात में शामिल आरोपी बंटी गुर्जर और राहुल गुर्जर को शॉर्ट एनकाउंटर में पकड़ा था। वहीं, ग्वालियर पुलिस की एसआईटी ने मोनू गुर्जर और भूरा गुर्जर को बुधवार सुबह धर दबोचा। दोनों ने पूछताछ में बताया कि कुल 7 लोगों ने मिलकर शिवाय अपहरण कांड को अंजाम दिया था। मोनू गुर्जर और भूरा गुर्जर ने शिवाय की रेकी की। इन दोनों ने अपहरण की प्लानिंग की और घर में छिपाकर रखा। आरोपी राहुल कंसाना अभी फरार है, जो बच्चे के अपहरण के दौरान बाइक चला रहा था। इसके साथ ही इन सभी के खाने-पीने की व्यवस्था करने वाला धम्मू उर्फ धर्मेंद्र गुर्जर भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। वहीं मुरैना पुलिस ने शॉर्ट एनकाउंटर में बंटी उर्फ मोहन सिंह गुर्जर और राहुल पुत्र भूरा गुर्जर को घटना के दो दिन बाद पकड़ लिया था। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई लाल रंग की बाइक भी बरामद कर ली है। यह दोनों आरोपी शिवाय के घर की रेकी कर रहे थे। शॉर्ट एनकाउंटर में पकड़े गए आरोपी भोला गुर्जर ने मां की आंखों में मिर्ची डालकर बाइक पर बैठाया था। 11 फरवरी को थी अपहरण की प्लानिंग, दो दिन बाद उठाया
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने 11 फरवरी को ही अपहरण की योजना बनाई थी। वे ग्वालियर के सीपी कॉलोनी पहुंचे थे, लेकिन रविदास जयंती के कारण स्कूल बंद होने से वारदात को अंजाम नहीं दे पाए। 13 फरवरी को वे दोबारा ग्वालियर गए। राहुल गुर्जर और बंटी गुर्जर स्प्लेंडर गाड़ी पर रेकी कर रहे थे, जबकि पिपरई गांव निवासी राहुल गुर्जर और भोला गुर्जर लाल रंग की अपाचे मोटरसाइकिल पर सवार थे। इन्हीं दोनों ने शिवाय का अपहरण किया। अपहृत बच्चे शिवाय को 5-6 घंटे एक मकान में बंद रखा
13 फरवरी को शिवाय की मां आरती गुप्ता उसे स्कूल बस तक छोड़ने के लिए जा रही थी। तभी आरोपियों ने उसकी आंखों में मिर्ची झोंककर बच्चे को छीनकर अपहरण कर लिया था। वे बच्चे को भिंड रोड के रास्ते लक्ष्मणगढ़ ले गए, फिर हाईवे से मुरैना शहर के सुभाष नगर स्थित एक मकान में 5-6 घंटे तक बंद रखा। पुलिस का दबाव बढ़ने पर वे बच्चे को बड़ोखर, कलारी और नंदेपुरा रोड होते हुए काजी बसई गांव के पास छोड़कर भाग गए। एक रिक्शा चालक शाहिद भाई ने बच्चे को रोते हुए देखा और सरपंच को सौंपा। सरपंच ने वीडियो कॉल के जरिए बच्चे के परिजनों से बात कराई। माता बसैया थाना प्रभारी जयपाल गुर्जर ने बच्चे को सकुशल बरामद कर एसपी ऑफिस पहुंचाया। शिवाय के मामा से आरोपी की रंजिश बनी उसके अपहरण की वजह
पुलिस के अनुसार, मास्टरमाइंड राहुल गुर्जर और शिवाय के मामा गौरव उर्फ ढप्पू के बीच कभी गहरी दोस्ती थी। दोनों एक ही थाली में खाना खाते थे। लाखों रुपयों का लेनदेन भी करते थे। राहुल गुर्जर ने गौरव की मदद से ट्रक खरीदे थे, लेकिन बाद में सोने के लेनदेन को लेकर दोनों में मतभेद हो गया। जिससे रंजिश पैदा हो गई। आरोप है कि राहुल गुर्जर ने एक साल पहले गौरव के बेटे को किडनैप करने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहा। इसके बाद उसने शिवाय के अपहरण की योजना बनाई। राहुल और गौरव के बीच लेन-देन को लेकर हुआ था विवाद
राहुल गुर्जर ने गौरव के यहां पर कुछ सोना गिरवी रखा था। जिसे बाद में गौरव ने वापस नहीं किया। जिसके कारण दोनों के बीच में मतभेद हो गए और इन मतभेदों ने गहरी रंजिश का रूप ले लिया। इसी रंजिश के चलते राहुल गुर्जर, गौरव का दुश्मन बन गया। राहुल गुर्जर ने बदला लेने के लिए पहले गौरव के बेटे को किडनैप करना चाहा, लेकिन इसमें वो कामयाब नहीं हो सका। इसके 1 साल बाद राहुल गुर्जर ने अपने साथी दोस्तों के साथ मिलकर आरती गुप्ता के बेटे शिवाय का अपहरण का प्लान बनाया। प्लान के तहत 11 फरवरी को चार लोग ग्वालियर पहुंचे। उस दिन स्कूल की छुट्टी होने से शिवाय स्कूल नहीं गया था। जिससे उनका प्लान पूरा नहीं हुआ। दो दिन बाद 13 फरवरी को सुबह जब आरती अपने बेटे शिवाय को गोदी में लेकर लिटिल एंजेल्स स्कूल की बस में बैठाने जा रही थी, उसी समय उसकी आंखों में मिर्ची झोंक कर उसके बेटे शिवाय को हाथ से छुड़ा लिया। ये काम भोला गुर्जर और राहुल गुर्जर ने किया। दोनों अपाचे बाइक पर बालक शिवाय को बैठा कर ले गए थे। बच्चे के बदले एक करोड़ की फिरौती मांगने की थी प्लानिंग
पुलिस को दिए बयान में राहुल गुर्जर ने बताया कि, उनकी एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगने की प्लानिंग थी। इसी प्लानिंग के तहत उन्होंने 5 फरवरी 2024 को राहुल गुप्ता के साले गौरव उर्फ ढप्पू के 6 साल के बेटे को उठाने का प्रयास किया था। मास्टरमाइंड राहुल गुर्जर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं
पुलिस ने बताया कि मास्टरमाइंड राहुल गुर्जर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, वह ट्रक चलाता है और छोटे-मोटे व्यापार करता है। बंटी गुर्जर किराए पर राहुल के मकान में रहता है और उस पर भी कोई बड़ा आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। फरार आरोपी पिपरई गांव निवासी राहुल गुर्जर और गड़ौरा गांव निवासी भोला गुर्जर आदतन अपराधी हैं और उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। किडनैपिंग के बाद भी घटनास्थल पर पहुंचा था भूरा गुर्जर
ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि प्लानिंग के तहत मोनू गुर्जर और भूरा गुर्जर ने अपने मुरैना के मकान में घटना से 10 से 15 दिन पहले आरोपियों को बुलवाकर ठहरवाया था। वहां से ये ग्वालियर आते थे और रेकी करते थे। योजना के तहत 13 फरवरी को शिवाय का अपहरण कर लिया गया। इसके बाद ग्वालियर, भिंड, मुरैना में लगातार नाकाबंदी की गई। तलाशी अभियान चलाया गया। जब पुलिस की कार्रवाई चल रही थी तो इस घटना का मुख्य आरोपी भूरा गुर्जर दोबारा घटनास्थल पहुंचा था। इसके बाद भूरा गुर्जर को यह घबराहट हुई की जल्दी हम लोग पकड़े जाएंगे। वह सीधे मुरैना पहुंचा, जहां बच्चे को रखा गया था। इन लोगों ने तय किया कि बच्चे को छोड़ने में ही भलाई है। कोर्ट में पेश कर आरोपियों की रिमांड मांगी जाएगी
ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि भूरा गुर्जर और मोनू गुर्जर को कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी जाएगी। 2 आरोपी पहले से ही मुरैना में शॉर्ट एनकाउंटर में गिरफ्तार होकर न्यायिक रिमाइंड पर हैं। बच्चे को बाइक से उठाकर ले जाने वाले आरोपी भूरा गुर्जर और राहुल कंसाना हैं। पकड़े गए भूरा और मोनू आपस में चाचा भतीजे हैं, भूरा उसका सगा चाचा है। जबकि भोला और राहुल कंसाना आपस में जीजा-साले हैं। भूरा और मोनू को ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में हुआ नुकसान
भूरा और मोनू को ट्रांसपोर्ट की व्यवसाय में लगभग डेढ़ करोड़ का नुकसान हुआ था। इन पर टाटा फाइनेंस की रिकवरी चल रही है। भूरा ने अपना मकान 10 लाख रुपए में गिरवी रखा था। साथ ही इन्होंने अन्य लोगों से भी पैसा उधार लिया हुआ था। उधारी चुकाने के लिए इन्हें लगता था कि यह सॉफ्ट टारगेट है। इसे आराम से उठाकर ले जाएंगे और बड़ी राशि ले लेंगे। इन्हें परिवार की सारी कमजोरियां मालूम थीं। अपहरण की वारदात की 5 तस्वीरें देखिए.. इससे जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें- शिवाय बोला- किडनैपर ने थप्पड़ मारा तो मैंने लात मारी ग्वालियर में 13 फरवरी को मां की आंख में मिर्ची झोंक कर 6 साल के शिवाय के अपहरण के आरोपियों की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। बदमाशों की लास्ट लोकेशन और बच्चे की बरामदगी के बाद जांच का दायरा मुरैना पर केंद्रित हो गया है। पढ़ें पूरी खबर… शिवाय के किडनैपर ने पूजे थे उसकी मां के पैर ग्वालियर के शिवाय अपहरण केस में पुलिस को जिस राहुल गुर्जर की तलाश है, वो शिवाय के ननिहाल का करीबी रहा है। राहुल के पिता भूरा गुर्जर और शिवाय के नाना अशोक गोयल पड़ोसी के साथ-साथ अच्छे दोस्त हुआ करते थे। गोयल और गुर्जर परिवार के बीच 40 सालों से अच्छे रिश्ते रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…