प्रयागराज में महाकुंभ स्नान करने के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण परिवार के साथ वाराणसी पहुंची। क्रूज पर बैठकर वह काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची। 84 घाट भी देखे। बाबा विश्वनाथ के दर्शन करते हुए वह भक्ति भाव में डूबी दिखीं। मां अन्नपूर्णा के मंदिर भी पहुंची। परिसर में घूमने के साथ भक्तों के साथ बातचीत भी की। निर्मला सीतारमण के साथ उनके मामा भी वाराणसी आए थे। दर्शन-पूजन के बाद बरेका से उन्होंने नए ट्रेन के इंजन को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद वह कैंट स्टेशन से वंदे भारत ट्रेन में बैठकर दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। केंद्र वित्त मंत्री के दौरे पर सिलसिलेवार पढ़िए…
क्रूज से उन्होंने गंगा को प्रणाम किया
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को क्रूज पर सवार होकर घूमती हुई दिखाई दी। इस दौरान उन्होंने काशी के विभिन्न गंगा घाट के बारे में भी जानकारी ली। यह उनके निजी दौरा था। क्रूज से उन्होंने मां गंगा मां गंगा को प्रणाम किया। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने बरेका से बने विद्युत रेल इंजन WAP7 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर बरेका महाप्रबंधक श्री नरेश पाल सिंह सहित सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। वित्त मंत्री इंजन को रवाना करने से पहले लोको पायलट रूम में पहुंची। 375वें लोकोमोटिव को रवाना करने से पहले ड्राइवर से तकनीक के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह और प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर श्री एस.के. श्रीवास्तव ने बरेका की उत्पादन गतिविधियों और तकनीकी पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी। इससे पहले वित्त मंत्री ने नए बने पर्यवेक्षक विश्राम गृह और अमृत कानन सामुदायिक पार्क का उद्घाटन भी किया। विश्राम गृह में आधुनिक सुविधाओं के साथ आरामदायक बेड, फर्नीचर और शौचालय की व्यवस्था की गई है। वंदे भारत से दिल्ली रवाना
केंद्रीय मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा- वह अपने परिवार के साथ काशी आई थी। महाकुंभ की भव्यता को देखकर उन्होंने प्रदेश सरकार की सराहना की। वह अपने परिवार के साथ थी, इसलिए उन्होंने किसी प्रकार की मीटिंग नहीं की है। बाबा विश्वनाथ का उन्होंने दर्शन किया और अब वह वंदे भारत ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हो गई है। प्रयागराज में निर्मला सीतारमण ने किए अक्षयवट देखा
इससे पहले केंद्रीय वित्त ने संगम क्षेत्र स्थित अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन किए। सीतारमण ने कहा कि यह पवित्र स्थल अनंतकाल से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है। अक्षयवट, जो अविनाशी और अखंड सनातन चेतना का प्रतीक माना जाता है, अध्यात्मिक ऊर्जा का वो स्रोत है, जहां हर युग में भक्तों ने आत्मिक शांति प्राप्त की है।
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