उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज एमए हिंदी के संशोधित पाठ्यक्रम में भोजपुरी, अवधी, ब्रज एवं बुंदेलखंडी भाषाओं के साहित्य को शामिल करने की दिशा में कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्यकाम ने बताया कि प्रवेश सत्र जुलाई 2025 में यह संशोधित पाठ्यक्रम शिक्षार्थियों के लिए उपलब्ध रहेगा। विश्वविद्यालय स्थानीय भाषाओं के विकास के लिए पिछले 6 माह से लगातार कार्य कर रहा है। अब प्रदेश में भी कई भाषाओं में संवाद होगा
प्रो. सत्यकाम ने उत्तर प्रदेश राज्य की स्थानीय बोलियों भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही में स्थान देने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है। इससे भाषाई विविधता को बढ़ावा मिलेगा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जिसने विधानसभा में बहुभाषी संवाद की सुविधा प्रारंभ की है। 20 ओर 21 मार्च को सेमिनार
प्रोफेसर सत्यकाम ने बताया कि उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय आगामी 20 एवं 21 मार्च को साहित्य अकादमी की संयुक्त देखरेख में हिंदी के विकास में भोजपुरी, अवधी, ब्रज एवं बुंदेलखंडी भाषा के योगदान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन कर रहा है। इसमें देश के विभिन्न भाषा विशेषज्ञ विचार-मंथन करेंगे और स्थानीय भाषा एवं बोलियों के विकास को आगे बढ़ाने में मुक्त विश्वविद्यालय एक नया मानक स्थापित करेगा। विश्वविद्यालय का कार्य क्षेत्र संपूर्ण उत्तर प्रदेश होने से विश्वविद्यालय की पहुंच अवध, ब्रज, पूर्वांचल तथा बुंदेलखंड के क्षेत्रों तक आसानी से उपलब्ध है। अपनी इसी पहुंच के कारण मुक्त विश्वविद्यालय ने स्थानीय भाषा बोलियों के विकास का फायदा अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है।
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