गोरखपुर पहुंचे सिद्धपीठ श्रीहनुमन्निवास धाम अयोध्या के महंत आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने प्रयागराज महाकुंभ 2025 को अभूतपूर्व और ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सनातन परंपरा का वैश्विक उद्घोष है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन को जिस सुव्यवस्था के साथ संपन्न कराया, वह अभिनंदनीय है। वह शनिवार को महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। धर्म और परंपरा का वैश्विक केंद्र बना उत्तर प्रदेश आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा कि उत्तर प्रदेश सनातन परंपराओं और आध्यात्मिक वैभव का वैश्विक केंद्र है। अयोध्या, काशी और मथुरा के बिना भारत की कल्पना अधूरी है। प्रयागराज महाकुंभ इसका जीवंत प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह पहला महाकुंभ है, जहां श्रद्धालुओं का अपार सैलाब उमड़ा और व्यवस्थाओं को लेकर कोई अव्यवस्था नहीं हुई। महाकुंभ 2025 को बताया धार्मिक पुनर्जागरण उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2025 को 1947 के बाद का सबसे बड़ा धार्मिक पुनर्जागरण कहा जा सकता है। पहली बार 60 करोड़ से अधिक लोग एक ही शहर में स्नान और साधना के लिए जुटे। भारतीय चेतना कभी अव्यवस्था से विचलित नहीं होती। जैसे समुद्र मंथन में अमृत के साथ विष भी निकला था, वैसे ही इस महाकुंभ की कुछ चुनौतियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धैर्यपूर्वक आत्मसात किया और व्यवस्था को सुचारु बनाए रखा। गंगा जल पर उठ रहे सवालों को बताया अनुचित गंगा जल की पवित्रता पर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि गंगा मात्र एक नदी नहीं, बल्कि ब्रह्म द्रव है। इसका प्राकट्य भगवान विष्णु के वामन अवतार से हुआ और इसे ब्रह्मा ने कमंडल में धारण किया। गंगा भारतीय संस्कृति का आधार है, इसकी पवित्रता पर प्रश्न उठाने वाले भारतीय परंपराओं को मलिन करने का प्रयास कर रहे हैं। महाकुंभ भारत की एकता और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक उन्होंने कहा कि महाकुंभ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की एकता, सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है। यहां संन्यासी, गृहस्थ, विद्वान और श्रद्धालु समान रूप से स्नान कर अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा को जाग्रत कर रहे हैं। महाकुंभ का विरोध 60 करोड़ लोगों की आस्था का अपमान कुछ राजनीतिक दलों द्वारा महाकुंभ पर की जा रही टिप्पणियों पर उन्होंने कहा कि यह 60 करोड़ श्रद्धालुओं की भावनाओं का अपमान है। जो लोग राजनीतिक स्वार्थ के लिए सनातन परंपरा का विरोध कर रहे हैं, उनकी राजनीति अधिक दिनों तक टिकने वाली नहीं है। महाकुंभ सनातन की अनादिकाल से चली आ रही परंपरा है, जिसे राजनीतिक चश्मे से देखना अनुचित है। महाकुंभ 2025 बना आस्था के पुनर्जागरण का साक्षी आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा कि महाकुंभ 2025 को इतिहास में आस्था के पुनर्जागरण काल के रूप में दर्ज किया जाएगा। इस आयोजन ने पूरी दुनिया को सनातन धर्म की भव्यता और दिव्यता का दर्शन कराया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से प्रयागराज महाकुंभ की ऐतिहासिक छवि पूरे विश्व में स्थापित हुई है।