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BJP के पन्ना प्रमुख की तरह RJD में बूथ प्रमुख:वॉट्सऐप पर आम कार्यकर्ताओं से सीधे बात कर रहे तेजस्वी, 5 महीने में 243 सीटें नापीं

सीन-1 फरवरी की पहली तारीख। सुबह का वक्त। छपरा-वैशाली हाइवे पर अचानक गाड़ियों का काफिला रुकता है। सफेद रंग की लग्जरी गाड़ी से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बाहर निकलते हैं और सीधे सब्जी के खेत में पहुंच जाते हैं। यहां काम कर रहे किसान जय सिंह कुशवाहा और उनके परिवार से अलग-अलग मुद्दे पर चर्चा करते हैं। इसके बाद बोरा भर फूलगोभी खरीद कर चले जाते हैं। सीन-2 शाम का वक्त। दिघवारा का मीरपुर वुआल गांव। सुबह जिस किसान से तेजस्वी खेत में मिले, शाम में उन्हीं के घर पहुंच गए। हाथ में साड़ी- शॉल के साथ एक लैपटॉप भी था। उन्होंने महिलाओं को साड़ी और पुरुषों को शॉल दिया। आखिर में जय सिंह की छोटी बेटी को लैपटॉप दिया। सुबह बच्ची ने कंप्यूटर सीखने की इच्छा जताई थी। लालू यादव का यही अंदाज उनके कार्यकर्ताओं को पार्टी के प्रति वफादार रखा। चुनावी साल में तेजस्वी भी पिता को कॉपी कर जनता से कनेक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। 5 महीने में 38 जिले और 243 विधानसभा क्षेत्रों की यात्रा की। इस दौरान वे कभी चाय की दुकान पर तो कभी राह चलते लोगों के बीच रुककर उनका हाल-चाल लेते दिखे। उनकी समस्याओं को सुना और सरकार बनने पर समाधान का आश्वासन भी दिया। 10 सितंबर 2024 को समस्तीपुर से शुरू हुई उनकी कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा 21 फरवरी 2025 को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में समाप्त हो गई। तेजस्वी यादव ने इस दौरान संगठन में नई ताकत देने के लिए खूब पसीने बहाए। कई बड़े बदलाव भी किए। भास्कर की इस रिपोर्ट में पढ़िए तेजस्वी के 5 बड़े प्लान… 1. हर बूथ पर दो सक्रिय सदस्य बनाने का लक्ष्य 2025 के विधानसभा चुनाव में राजद वर्सेज बीजेपी की एक तस्वीर बनती दिख रही है। दोनों पार्टियां राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनने की कोशिश में जुटी है। ऐसे में तेजस्वी राजद के संगठन को नए सिरे से खड़ा करने में जुटे हैं। यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव ने सभी जिलाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वे बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत बनाएं। चुनाव से पहले हर बूथ पर दो सक्रिय सदस्य बनाए। पार्टी के नेताओं ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है। 2. संगठन में को-ऑर्डिनेशन की खुद कर रहे मॉनिटरिंग राजद अब लालू युग से तेजस्वी काल में प्रवेश कर रहा है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी जिला स्तर पर संगठन में को-ऑर्डिनेशन को लेकर आ रही थी। जिला स्तर पर युवा नेताओं को लालू के सिपाही स्वीकार करने से परहेज कर रहे थे। अपनी यात्रा के बाद तेजस्वी यादव खुद पार्टी का को-ऑर्डिनेशन संभाल रहे हैं। स्टेट और डिस्ट्रिक्ट लेवल पर अलग-अलग वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है। सभी ग्रुप में तेजस्वी यादव शामिल हैं। कार्यकर्ताओं की शिकायत पर तेजस्वी यादव खुद रिस्पांस कर रहे हैं। इससे कार्यकर्ताओं के भीतर नई उम्मीद और एनर्जी आई है। साथ ही इस दौरान इन्होंने जिलों की हर गुटबाजी को भी खत्म करने की हिदायत दी है। साफ मैसेज दिया है कि पार्टी के भीतर केवल एक गुट है और वो है, राजद। 3. महिलाओं पर विशेष फोकस, हर जिले में अलग से बैठक पूरी यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव ने महिलाओं पर विशेष फोकस किया। वे जहां भी गए वहां महिलाओं के साथ अलग से विशेष बैठक की। इसमें उन्होंने उनकी समस्याओं और परेशानियों को सुना और जाना। सूत्रों की मानें तो बैठक के आधार पर उन्होंने राज्य के अलग-अलग हिस्सों से महिलाओं की समस्या की एक लिस्ट तैयार की है। चुनाव के दौरान राजद के मेनिफेस्टो में इसे शामिल किया जा सकता है। महिलाओं को नीतीश कुमार का वोट बैंक माना जाता है। पिछले चार चुनाव के आंकड़े देखें तो वोटिंग में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की हिस्सेदारी रही है। 2020 के विधानसभा चुनाव में पुरुषों की तुलना लगभग 5 फीसदी ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया था। वहीं, अगर 2024 लोकसभा चुनाव की बात करें तो ये आंकड़ा बढ़कर 8 प्रतिशत पहुंच जाता है। 4. फीडबैक के आधार पर हुई विधायकों की लिस्टिंग तेजस्वी यादव जिस जिले में गए वहां उन्होंने अपने विधायकों को बैठाकर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया। क्या विधायक जनता के लिए उपलब्ध रहते हैं? क्या इनका कामकाज संतोषजनक रहा है? इनका परफॉर्मेंस कैसा है? इन सारे सवालों के आधार पर विधायकों का एक डेटा अलग से तैयार किया गया है। RJD सूत्रों की मानें तो इसी फीडबैक के आधार पर तय होगा कि सिटिंग विधायकों का टिकट कटेगा या वे रिपीट होंगे। यात्रा शुरू होने से पहले 20 जून को पटना में राजद की समीक्षा बैठक हुई थी। इसमें खुद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधायकों को सख्त चेतावनी दी थी। तब उन्होंने विधायकों को 2 महीने की मोहलत दी थी कि परफार्मेंस सुधार लें। नहीं तो आने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट भी काटा जा सकता है। 5. घोषणाओं को घर-घर पहुंचाने का टास्क पूरी यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव की प्राथमिकता राजद की घोषणाओं को घर-घर तक पहुंचाने की रही। हर बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं को टास्क दिया है कि सरकार बनने पर महिलाओं को 2500 रुपए (माई-बहिन मान योजना) देने, वृद्ध- विधवा की पेंशन को बढ़ाने, 200 यूनिट फ्री बिजली देने के ऐलान के साथ-साथ 17 महीने के कार्यकाल को घर-घर तक मजबूती से पहुंचाएं। कार्यकर्ताओं को जनसंपर्क करने का टास्क दिया गया है। वहीं, विधायकों से अपने-अपने इलाके में माइकिंग करने की हिदायत दी गई है। —————– ये भी पढ़ें… लालू बोले-काम मैंने किया, नीतीश ने अपना चेहरा चमकाया:रेलमंत्री रहते राजद सुप्रीमो ने गिनाए अपने काम, कहा-दिल्ली से हक मांगना नहीं, छीनना पड़ता है राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को रेल मंत्री रहते अपने कामों का बखान किया है। उन्होंने रेलवे की उपलब्धियों को अपना बताया है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि उनके कामों का श्रेय लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना चेहरा चमकाने की कोशिश की है। पूरी खबर पढ़िए

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