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दुबग्गा फ्लाईओवर बनने में मेट्रो और वन विभाग का रोड़ा:तीन साल पहले हुई थी पुल बनाने की घोषणा, नहीं मिल रही नींव डालने की जगह

लखनऊ में सेतु निगम के इंजीनियरों को दुबग्गा चौराहे पर फ्लाईओवर बनाने की जगह नहीं मिल पा रही है। निर्माण कार्य शुरू करने में मेट्रो का फेज 2 और वन विभाग की जमीन रोड़ा डाल रही है। चारबाग से बसंतकुंज रूट की मेट्रो का एलाइनमेंट बीच में आने से अफसर यही नहीं समझ पा रहे हैं कि नींव कहां रखें। अब इंजीनियरों ने तीन अलग अलग प्रस्ताव बना कर शासन को भेजा है। इस फ्लाईओवर के निर्माण की घोषणा करीब तीन साल पहले हो चुकी हैं। तीन बार दौरा कर प्रस्ताव बना चुके हैं इंजीनियर फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर प्रशासन के अवसरों और इंजीनियरों ने तीन बार मौके का निरीक्षण किया है। इस दौरान सामने आए कि मेट्रो का एलाइनमेंट फंसने से पूर्व में प्रस्तावित जगह पर फ्लाईओवर नहीं बन सकता है। अगर इसका निर्माण किया जाएगा तो मेट्रो रूट में दिक्कत पैदा होगी। इसके साथ ही पास ही वन विभाग की जमीन हैं। जिसकी एनओसी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में फ्लाईओवर निर्माण की जगह बदलेगी। इसके लिए तीन प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। फ्लाईओवर करीब 1200 मीटर लंबा और सर्विस लेन मिलाकर करीब 42 मीटर चौड़ा होगा। पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री ने लिखा था 2022 में पत्र पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने दुबग्गा चौराहे पर फ्लाईओवर बनाने के लिए विभागों को पत्र लिखा था। जिसको 2022 में सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके निर्माण को हरी झंडी दी थी। इसके अलावा 19 दिसम्बर 2019 को तत्कालीन विधायक स्व. सुरेश श्रीवास्तव ने विधानसभा में फ्लाईओवर बनाने का मुद्दा उठाया था। इन इलाकों को होगा फायदा दुबग्गा चौराहा से लखनऊ में आने-जाने के लिए बड़े स्तर ट्रैफिक चलता है। लखनऊ-हरदोई मार्ग पर यह चौराहा पड़ता है। इसका प्रयोग अभी कानपुर बाईपास से हरदोई, सीतापुर, मलिहाबाद, चौक, बुद्धेश्वर चौराहा, आगरा एक्सप्रेसवे, कानपुर रोड और आईआईएम रोड से आने-जाने वाले लोग करते हैं।

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