बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दरभंगा के मखाना अनुसंधान केंद्र में आयोजित मखाना किसानों के संवाद कार्यक्रम में कहा कि अब सिर्फ कांटेदार मखाना ही नहीं, बल्कि बिना कांटे वाले मखाना की खेती भी शुरू हो गई है। किसानों की उन्नति और उनकी आय बढ़ाने के लिए मखाना बोर्ड का गठन किया गया है, जिससे मखाना की बेहतर पैकेजिंग और मार्केटिंग हो सके। उन्होंने कहा कि मखाना का प्रोसेसिंग और ट्रीटमेंट कर इसे एक उद्योग का स्वरूप दिया जाएगा, ताकि बिहार का मखाना दुनिया के बाजारों तक पहुंच सके। बाढ़ से सुरक्षा और सिंचाई की बेहतर व्यवस्था उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार ने न केवल बाढ़ से सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की है, बल्कि किसानों के लिए सिंचाई की सुविधा भी सुनिश्चित की है। 2024 में नेपाल द्वारा 6.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बावजूद सिर्फ 22 पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस पाया, जो बेहतर प्रबंधन का परिणाम है। महिला किसानों को भी मिले प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कटिहार की संतोषी कुमारी ने मांग उठाई कि महिला किसानों को मखाना की खेती का प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रखंड और पंचायत स्तर पर महिलाओं को प्रशिक्षण मिलने से मखाना का उत्पादन और कमाई दोनों बढ़ेगी। इसके साथ ही मखाना के सही बाजार मूल्य की भी व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि किसानों को उचित लाभ मिल सके। मखाना बोर्ड के गठन से बिहार के किसानों को नई आर्थिक शक्ति मिलेगी और उनके उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
