मऊ के जिला अस्पताल में डॉक्टर और सपा सांसद के बीच हुए विवाद का मामला अब एक बार फिर गर्माता जा रहा है। 16 अक्टूबर को हुई इस घटना के बाद, जब सभी ने सोचा कि मामला अब शांत हो गया है, तो अचानक 48 घंटे के अंदर डॉक्टर की तहरीर पर सांसद के ही खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया। सांसद ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कार्रवाई सत्ता पक्ष के इशारे पर की गई है, जो भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने का प्रयास है। उन्होंने कहा, “हम इस मुकदमे से डरने वाले नहीं हैं और जनता की लड़ाई को आगे बढ़ाते रहेंगे। न झुकूंगा, न रुकूंगा। ” उन्होंने आगे कहा, चाहे कुछ भी हो जाए, हम इस तरह की लापरवाही को नहीं होने देंगे, क्योंकि यह जनता की लड़ाई है और जनता ने हमें चुनकर भेजा है। जो भी डॉक्टर अपने काम में हीला हवाली करेगा और अपने आवास पर बुलाकर मरीजों को देखेगा, ऐसे सभी चिकित्सकों के खिलाफ हम लोग सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। सांसद राजीव राय 16 अक्टूबर को वह जनता की शिकायतों का निरीक्षण करने अस्पताल पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने देखा कि एक कक्ष के सामने मरीजों की लंबी भीड़ लगी हुई थी। बताया जा रहा है कि सांसद ने चेंबर में जाकर डॉक्टर से जानकारी ली, जिसके बाद मरीजों ने डॉक्टर पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। इस पर डॉक्टर नाराज हो गए और सांसद से बदसलूकी करने लगे। डॉ. सौरभ त्रिपाठी के कार्यकाल का रिकॉर्ड विवादों से भरा रहा है। उन पर पहले भी भाजपा नेता के साथ दुर्व्यवहार करने और एक पत्रकार को हेलमेट से मारने का मुकदमा दर्ज है।
