अलीगढ़ में साइबर अपराध करने वाले एक गैंग का खुलासा किया गया है। इनका नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है और यह लोग भोले भाले लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर उनके साथ ठगी करते थे। नौकरी के नाम पर आरोपी उनके सारे दस्तावेज ले लेते थे। पुलिस को इस मामले में लगातार जानकारी मिल रही थी, जिसके बाद साइबर पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश कर रही थी। पुलिस ने गैंग के 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके पास से भारी मात्रा में एटीएम, पासबुक, चेकबुक जैसी चीजें पुलिस को बरामद हुई है। पुलिस के अनुसार आरोपियों के नेटवर्क कई राज्यों में फैले हुए हैं। हाथरस, अलीगढ़, नोएडा के हैं आरोपी पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें से 2 हाथरस के रहने वाले हैं। वहीं एक आरोपी अलीगढ़ और एक आरोपी नोएडा का रहने वाला है। पुलिस ने हाथरस के इरफान पुत्र नवीशेर निवासी तरफरा थाना कोतवाली हाथरस और इमरान पुत्र नवीशेर निवासी तरफरा को गिरफ्तार किया है। इनके साथ अलीगढ़ के महुआखेड़ा निवासी फईम पुत्र नदीम और नोएडा के मेहंदीपुर थाना जेवर निवासी इंसाफ अली उर्फ इसरार पुत्र इस्लाम को गिरफ्तार किया है। धोखे से ले लेते थे गोपनीय जानकारी आरोपी ठगी करने के लिए लोगों को फोन करते थे और फिर उनसे एटीएम का नंबर, पिन और अन्य गोपनीय जानकारी ले लेते थे। इसके बाद ओटीपी लेकर उनके एकाउंट से रुपए उड़ा लेते थे। जिसकी शिकायतें पुलिस को मिली थी। आरोपी उड़ाए गए रुपयों को फर्जी एकाउंट में डालते थे और फिर निकाल लेते थे। यह एकाउंट भी आरोपी धोखाधड़ी करके खुद ही खुलवाते थे। यह जानकारी भी आरोपियों ने पुलिस को दी है। इनका नेटवर्क कई जिलों में फैला हुआ है। इस तरीके से करते थे ठगी आरोपी गांवों में जाते थे और सरकारी नौकरी का झांसा देकर लोगों के आधार कार्ड, पैन कार्ड और दूसरे जरूरी दस्तावेज ले लेते थे। इसके बाद आरोपी अपने कनेक्शन के जरिए दूसरे राज्यों का सिम इस्तेमाल करके बैंक में इन्हीं दस्तावेजों से खाते खुलवाते थे। आरोपी अपनी ठगी के रुपए भी इन खातों में डालते थे। इसके अलावा इन खातों को अलीगढ़ के अलावा अन्य राज्यों और जिलों के ठगों को बेंच देते थे। जिससे इनका दुरप्रयोग होता था। पुलिस अब इनके सारे नेटवर्क को तलाशने में जुटी हुई है। एसपी क्राइम रजनी ने बताया कि साइबर टीम आरोपियों के पीछे काफी दिनों से जांच कर रही थी। अब टीम को सफलता मिली है। आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है और इनके नेटवर्क की भी तलाश की जा रही है।
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