पहली जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की टॉपर शालिनी विजय ने आत्महत्या कर ली है। कोच्चि के कक्कनाड इलाके में शालिनी विजय के भाई जीएसटी एडिशनल कमिश्नर मनीष विजय और मां शकुंतला अग्रवाल भी मृत पाए गए। शुक्रवार को तीनों का शव कोच्चि के त्रिक्काकारा इलाके में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क क्वार्टर में मिला। पुलिस का अनुमान है कि मनीष और शालिनी ने पहले अपनी मां की हत्या की, फिर खुदकुशी कर ली। त्रिक्काकारा पुलिस ने मृतकों के मोबाइल फोन, डायरी और कुछ किताबें जब्त की हैं। घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें केवल बहन को सूचित करने की बात लिखी गई है। मनीष की एक बहन विदेश में रहती है। शकुंतला के शव पर सफेद वस्त्र बिछाकर फूल चढ़ाए गए थे, जिससे संकेत मिलता है कि उनकी मौत पहले हुई होगी। पुलिस इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच की। शवों को पोस्टमार्टम एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज में भेज कर कराया गया है। वहीं झारखंड से उनके रिश्तेदार कोच्चि पहुंच गए हैं। क्या है शालिनी विजय की कहानी दरअसल, जेपीएससी की पहली व दूसरी सिविल सेवा परीक्षा की सीबीआई जांच चल रही है। सीबीआई ने जेपीएससी प्रथम में सफल अभ्यर्थियों में से करीब 55 को नोटिस किया है। उनमें शालिनी विजय भी शामिल थीं। सीबीआई की विशेष अदालत ने शालिनी को 15 फरवरी को पेश होने के लिए समन भेजा था।
पुलिस को संदेह है कि इस मामले में सार्वजनिक अपमान के डर से परिवार ने आत्महत्या की है। हालांकि, इस पूरे मामले की जांच चल रही है। विश्लेषण के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि शालिनी व उनके परिवार ने क्यों खुदकुशी की। साल 2021 से ही छुट्टी पर थी शालिनी शालिनी विजय जेपीएससी की प्रथम बैच की टॉपर थी। 2017 में उन्होंने समाज कल्याण विभाग में योगदान दिया। फिर उनका तबादला जिला समाज कल्याण विभाग गढ़वा में हुआ। इसके बाद वह समाज कल्याण विभाग के मुख्यालय में सहायक निदेशक के पद पर पदस्थापित हुई। लेकिन, वर्ष 2021 से ही वह छुट्टी पर चली गई थी। जनवरी 2025 में शालिनी ने अपनी छुट्टी को एक बार फिर से बढ़ाने के लिए कार्मिक विभाग में आवेदन दिया था। कार्मिक विभाग ने उनकी छुट्टी बढ़ाने और पहले ली गई छुट्टी व उसके कारणों के बारे में पूरी जानकारी मांगी थी। शालिनी की 2008 में शादी हुई थी। पति संबलपुर में लेक्चरर थे। 2019 से दोनों अलग हो गए। भाई के आवास पर उसके सहकर्मी पहुंचे, तब मिली मौत की जानकारी मनीष भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी थे। वे कोच्चि में केंद्रीय उत्पाद एवं जीएसटी विभाग में अतिरिक्त आयुक्त (ऑडिट) के पद पर कार्यरत थे। मनीष पिछले चार महीनों से यहां रह रहे थे। वे एक सप्ताह की छुट्टी पर थे। गुरुवार को ऑफिस लौटने वाले थे, लेकिन जब नहीं पहुंचे तो सहकर्मियों ने फोन किया। फोन नहीं उठाने पर दो अधिकारी उनके घर पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद था और तेज दुर्गंध आ रही थी। अधिकारियों ने खिड़की से झांककर देखा तो मनीष और शालिनी के शव रसोई के पास एक कमरे में फंदे से लटके मिले। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया। शकुंतला अग्रवाल का शव बेडरूम में मिला, जिसके पास एक पारिवारिक फोटो रखा था। शवों की स्थिति देखकर पुलिस ने अनुमान लगाया कि मौत कुछ दिन पहले हुई होगी। घर में मिले जले हुए दस्तावेज स्थानीय निवासियों ने कहा कि मनीष और उनका परिवार पड़ोसियों से ज्यादा मेलजोल नहीं रखता था। पुलिस को किचन में जले हुए दस्तावेज का ढेर मिला है। पर स्पष्ट नहीं है कि इनमें क्या था और इन्हें क्यों जलाया गया। मां बोकारो में रह चुकी है शिक्षिका, पिता बीएसएल कर्मी शालिनी विजय की मां शंकुतला अग्रवाल बोकारो में शिक्षिका रह चुकी हैं। उसके पिता बोकारो में बीएसएल में कार्यरत थे। उनका बोकारो के अलावा डोरंडा और बरियातू में भी एक घर है। जो लंबे समय से बंद है। शालिनी पिछले तीन वर्षों से अपनी मां को लेकर भाई मनीष के साथ ही रह रही थीं।